यूपी के कानपुर में मेडिकल कॉलेज के सामने मरीजों के परिजनों को नकली और दूषित खून बेचने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, इस गिरोह का सरगना वहां से फरार होने में सफल रहा. पुलिस आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करके इस मामले की जांच कर रही है. फरार आरोपी की तलाश की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, जिले के शिवराजपुर के राकेश ने अपनी गर्भवती पत्नी को रविवार को अस्पताल में भर्ती करवाया था. रविवार रात प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद पत्नी आरती की हालत भी बिगड़ गई. तब डॉक्टरों ने राकेश से ब्लड बैंक से एक यूनिट खून लाने को कहा. ब्लड बैंक के बाहर राकेश की मुलाकात अजय से हुई.
कन्नौज निवासी अजय ने बताया कि वह 2800 रुपये में उसे एक यूनिट ब्लड दिला देगा. राकेश ने उसे पैसे देकर ब्लड ले लिया. अस्पताल की जांच में खून नकली निकला. सोमवार को पुलिस को इसकी जानकारी दी गई. पुलिस के कहने पर राकेश ने फोन कर अजय को मेडिकल कॉलेज में बुला लिया. अजय वहां जैसे पहुंचा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
पुलिसिया पूछताछ में उसके दो अन्य साथियों पिंटू गौतम और ज्ञान प्रकाश का पता चला. पुलिस ने उन्हें भी पकड़ लिया, लेकिन गिरोह का सरगना फरार हो गया. पुलिस स्टेशन स्वरूपनगर के प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि नकली खून बेचने वाले गिरोह के सरगना की तलाश की जा रही है. पता चला है कि ये लोग पिछले कई सालों से यह काम कर रहे थे.