कॉल सेंटर के जरिए आरोपी लोगों से पैसे वसूलते थे और धोखाधड़ी करते थे. फर्जी कॉल सेंटर चलाने के लिए इस्तेमाल में आने वाले उपकरण और एक बाइक भी पुलिस ने जब्त की है.
आरोपी लोगों से ठगी करके पैसे वसूलते थे. नोएडा सेक्टर 39 की पुलिस ने यह कार्रवाई की है. दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी कि सी-213 सेक्टर में एक फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है. सूचना मिलने पर दूसर संचार विभाग के अधिकारी के साथ नोएडा पुलिस ने घटनास्थल पर दबिश दी.
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खुद को बताते थे पुलिसकर्मी
पुलिस को मौके पर 7 लोग मिले जो धोखाधड़ी के आरोप को अंजाम दे रहे थे. गैंग सॉफ्ट डायलर के जरिए विदेशों में वीआईपी कॉल करते थे, उन्हें डराते थे कि आपके सोशल सिक्योरिटी नंबर से कोई क्राइम किया गया है.
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आरोपी गैंग के गुर्गे दूसरों से कहते थे कि इस नंबर से ड्रग्स ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और वाहन चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया है. इसके बाद ये लोग अपने आप को अलग-अलग पुलिस एजेंसियों के सदस्य के तौर पर पेश करते थे और ऑनलाइन पेमेंट करा जबरन रकम वसूलते थे.
ऐसे चलता था ठगी का रैकेट
डरा-धमका कर जालसाज अपने शिकार से उसके बैंक अकाउंट, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल हासिल कर लेते थे. इस रकम को आसानी से जालसाज वैलेट में ट्रांसफर कर लेते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से 25 डेस्कटॉप, 23 सीपीयू, 23 की-बोर्ड, 23 माउस, 25 हेडफोन, 11 ब्रॉडबैंड, वाईफाई राउटर, पासपोर्ट, पासबुक और स्टेट बैंक ऑफ कुवैत का पासबुक बरामद किया है.
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डीसीपी संकल्प शर्मा ने कहा है कि 200 से ज्यादा लोगों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड के मामले सामने आए हैं. सभी मामलों की छानबीन की जा रही है. आरोपियों से पूछताछ में कई और लोगों के साथ धोखाधड़ी का पर्दाफाश हो सकता है.