देश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स में एक बार फिर एक मुन्ना भाई पकड़ा गया. जी हां, एक फर्जी डॉक्टर ने एम्स के सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर का आईकार्ड बनवा रखा था. इसके जरिए एम्स में जाता था. सबसे हैरानी कि बात ये है कि फर्जी डॉक्टर एक नामी दवाई कंपनी में मेडिकल रिप्रजेन्टेटिव (एमआर) है. एम्स प्रशासन ने इसे पकड़कर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया है. हौजखास थाने की केस दर्ज करके पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, नितिन अग्रवाल नामक फर्जी डॉक्टर अक्सर एम्स के सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर का फर्जी कार्ड गले में डाल कर घूमता था. गुरुवार को पार्किंग एरिया में वह खड़ा था. उसी समय अस्पताल के गार्ड को इसके हाव-भाव पर शक हुआ. उसने पूछताछ की, जो फर्जी डॉक्टर डरा नहीं बल्कि गार्ड को ही धमकाने लगा. इसके बाद गार्ड ने अपने सीनियर सिक्योरिटी स्टाफ से संपर्क किया. एम्स प्रशासन हरकत में आया और हौजखास थाने को सूचना दी गई.
सूचना मिलते ही एम्स पहुंचकर पुलिस ने नितिन अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया फर्जी डॉक्टर मैट्रोनिक्स नाम दवा कंपनी में एमआर है. इसके लिए उसे डॉक्टरों से मिलने जाना पड़ता था. गार्ड के पूछताछ से बचने के लिए उसने फर्जी आईडी बना लिया था. आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 468 और 471 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. आरोपी शख्स से पुलिस की पूछताछ जारी है. पिछले 20 दिनों में यह दूसरी घटना है.