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फरीदाबाद में लड़कियों की तस्करी का भंडाफोड़, अमीरों के घर नौकरी के नाम पर बेचते थे

बदमाश झारखंड से महज चंद हजार रुपयों में गरीब घर की लड़कियों को खरीदकार लाते थे और उन्हें अमीर घरों में घरेलू नौकर के तौर पर बेच देते थे.

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झारखंड से खरीदकर या बहला-फुसलाकर लाते थे लड़कियां
झारखंड से खरीदकर या बहला-फुसलाकर लाते थे लड़कियां

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राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में मानव तस्करी के अमानवीय कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने मानव तस्करी करने वाले एक गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह में कुल 4 बदमाश थे, जिनमें एक महिला भी शामिल है. हालांकि गिरोह के दो सदस्य फरार होने में सफल रहे. पुलिस ने उनके चंगुल से 5 नाबालिग लड़कियों को मुक्त करा लिया है.

पुलिस के मुताबिक, यह बदमाश झारखंड से महज चंद हजार रुपयों में गरीब घर की लड़कियों को खरीदकार लाते थे और उन्हें अमीर घरों में घरेलू नौकर के तौर पर बेच देते थे. वहां इन गरीब नाबालिग लड़कियों को प्रताड़ित किया जाता और कई बार तो उनका यौन शोषण भी होता.

पुलिस की गिरफ्त में आए एक आरोपी सुरेंद्र ने लड़कियों को खरीदकर लाने और बेचने का अपना जुर्म कुबूल कर लिया है. उसने यह भी बताया कि वह पिछले 4 सालों से इस काम में है और अब तक 28 लड़कियों को झारखंड से खरीदकर यहां ला चुका है.

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पुलिस ने बताया कि ये बदमाश झारखंड से लड़कियों को नौकरी दिलाने के नाम पर बहकाकर या किसी अन्य लालच से फुसलाकर भी भगा ले आते और यहां लाकर उन्हें या तो घरेलू नौकर के तौर पर बेच देते या जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल देते.

उनके चंगुल से मुक्त कराई गई लड़कियों में से एक लड़की के साथ रेप की पुष्टि हो चुकी है. पीड़िता लड़कियों ने बताया कि वे जिस घर में घरेलू नौकर का काम करती थीं, वहां उन्हें सिर्फ खाना दिया जाता था. उनकी तनख्वाह गैंग के बदमाश ही ले लेते थे.

रेप पीड़िता की कहानी दिल दहला देने वाली है. उसने बताया कि उसकी नानी ने उसे महज 5,000 रुपये में दो साल पहले इन्हीं बदमाशों के हाथों बेच दिया था. इसी तरह मानव तस्करी से जुड़े बदमाश या तो चंद हजार रुपयों में झारखंड से लड़कियां खरीदकर ले आते या नौकरी का झांसा देकर बहका लाते.

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