हरियाणा के फरीदाबाद में ईएमयू ट्रेन में कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लड़कों ने ईद की खरीदारी कर लौट रहे तीन युवकों पर चाकू से हमला बोल दिया. इस हमले में एक युवक की मौत हो गई जबकि दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए. आरोपी हमलावर एक स्टेशन पर ट्रेन से कूदकर भाग निकले.
फरीदाबाद से होकर जाने वाली मथुरा ईएमयू में गुरुवार की देर शाम खंदावली निवासी जुनैद, शाकिर और हासिम दिल्ली से ईद की खरीदारी कर लौट रहे थे. पुलिस के मुताबिक ओखला स्टेशन के पास कुछ अपराधी किस्म के लोग ट्रेन में चढे और सीट को लेकर जुनैद, शाकिर और हासिम से झगड़ने लगे. विवाद बढ़ता देख पीड़ित युवक फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर उतरना चाहते थे लेकिन उन्हें आरोपियों ने उतरने नहीं दिया.
इस पर पीड़ित युवकों ने फोन कर अपने साथियों को बुला लिया, जो बल्लभगढ़ से ट्रेन में सवार हो गए और उसके बाद फिर से आरोपी इन युवकों से उलझ गए. इसी दौरान एक बदमाश ने चाकू निकाल कर तीनों युवकों पर हमला कर दिया. इस हमले में जुनैद नामक युवक की मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए.
असावटी रेलवे स्टेशन के पास पर गाड़ी रुकते ही आरोपी ट्रेन से कूद कर भाग गए. जिसके बाद यात्रियों ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया. बल्लभगढ़ जीआरपी ने इस संबंध में IPC की धारा 323, 324, 302 और 34 के तहत 57 अज्ञात लोगों खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
मृतक के जुनैद के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. जुनैद के घर में ईद की खुशियों की जगह अब मातम पसरा हुआ है. मृतक जुनैद के पिता जलालुद्दीन का कहना है कि हमारे बच्चों पर जानलेवा हमला किया गया. पुलिस ने मदद नहीं की. बच्चों के खिलाफ साम्प्रदायिक शब्दों का इस्तेमाल किया गया. उनकी टोपी उतार दी गई.
हमले के दौरान घायल हुए हासिम ने बताया कि वे सभी जामा मस्जिद बाजार से खरीदारी कर सदर बाजार रेलवे स्टेशन से ट्रेन में सवार हुए थे. इसी दौरान कुछ लड़के ओखला से ट्रैन में सवार हुए और सीट को लेकर झगड़ने लगे. हासिम के मुताबिक इस दौरान उन तीनों ने अपनी बोगी बदलने की कोशिश भी की. घर से भाईयों को बुलाया लेकिन हमलावरों ने उन पर भी हमला कर दिया.
इलाके के इमाम इस घटना से बेहद गमज़दा हैं. उनका कहना है 'हमारा बच्चा चला गया है. नहीं चाहते कि ऐसी घटनाएं हों, हम अवाम में अमन और चैन चाहते हैं. हम चाहते हैं कि पुलिस आरोपियों को पकड़ कर कठोर दंड दे. जिससे कोई भी ऐसा कदम उठाने से डरे.'
हसीब ने पुलिस को दिए गए बयान में बताया कि वे तीनों दिल्ली के सदर बाजार रेलने स्टेशन से पैसेंजर ट्रेन में तकरीबन 5:30 बजे चढ़े थे. जब ट्रेन ओखला रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो वहां से उनके कोच में 15 से 20 लोग चढ़ गए. हसीब और उसके साथी अपनी सीट पर बैठ कर लूडो खेल रहे थे.
तभी ने अराजक लोग जातिसूचक और साम्प्रदायिक शब्दों का इस्तेमाल करके सीट मांगने लगे. इसी बात को लेकर तीनों युवकों की आरोपियों से गर्मागर्मी हो गई. हसीब का कहना है कि जब उसने एक बुजुर्ग को देखा तो उन्हें सीट दे दी. इसके बावजूद भी वे सभी लोग गाली गलौच करने लगे.
हसीब का कहना है कि इस विवाद के बाद उन्होंने सोचा कि वे फरीदाबाद उतर जाते हैं. झगड़ा खत्म हो जाएगा लेकिन फरीदाबाद स्टेशन पर भीड़ इतनी ज्यादा थी कि चारों लोग ट्रेन से नहीं सके. इसके बाद आरोपियों में से दो तीन लड़के हाथापाई करने लगे. यह देखकर हसीब और उसके एक साथी ने अपने जानकारों को फोन किया और उन्हें बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर आने के लिए कहा.
जैसे ही ट्रेन बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो वे चारों ट्रेन से उतरने लगे. तभी आरोपियों में से तीन चार लड़कों ने फिर दोबारा गाली गलौज करते हुए उनके साथ हाथापाई शुरू कर दी और उन्हें ट्रेन से उतरने नहीं दिया. बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन हसीब के दो दोस्त और आ गए और वे भी ट्रेन में चढ़ गए.
इसी दौरान आरोपियों में से एक लड़का चाकूबाजी करने लगा. सबसे पहले उसने शाकिर पर हमला किया. यह देखकर जुनैद बीच में आ गया. हमलावर ने जुनैद पर भी हमला कर दिया. इसके बाद हसीब पर भी हमला कर दिया. हसीब के मुताबिक चाकू मारने वाला एक था जबकि उन्हें पकड़ने वाले कई लोग थे. हमले के बाद जैसे ही गाड़ी असावटी रेलवे स्टेशन पहुंची, आरोपी ट्रेन से कूदकर फरार हो गए.
इसके बाद अन्य यात्रियों ने जुनैद और तीनों घायलों को ट्रेन से उतार कर एंबुलेंस की मदद से पलवल के सिविल अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां बाद में जुनैद की मौत हो गई. पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है.