उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में अपनी बेटी के ससुराल के एक व्यक्ति को पुलिस मुकदमे में फंसाने के लक्ष्य से एक दंपति ने अपने ही बेटे के अपहरण का नाटक रच दिया. पुलिस केस दर्ज कराया, लेकिन शक होने पर जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो वे टूट गए और मामले का खुलासा हो गया. पुलिस अब उनके खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई कर रही है.
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सुरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जिले के बिल्सी थाना क्षेत्र के परौली गांव में शुक्रवार को रहमान और उसकी पत्नी ने रात में अपने बेटे जफर का अपहरण होने का दावा किया था. रहमान ने थाने में केस दर्ज कराया था कि उन्होंने अपनी पुत्री नाजिश का निकाह कासगंज निवासी वकील अहमद के साथ किया था, लेकिन वे दहेज की मांग कर रहे थे.
उनका आरोप है कि इसे लेकर ससुराल के लोगों ने उनकी बेटी की हत्या कर दी थी. नाजिश के जेठ अकील को पुलिस ने जेल नहीं भेजा था. इसके लिये कोशिश करने पर अकील ने अपने साथियों के साथ उनके घर पर हमला बोल दिया और फैसले का दबाव बनाने के लिए जफर का अपहरण कर लिया. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंद्रप्रकाश ने मामले के खुलासे के आदेश दिये थे. लेकिन शनिवार देर रात रहमान के बेटे जफर को पड़ोसी गांव के एक मक्के के खेत में स्थित फैक्ट्री में पाया गया था. उससे जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने सच उगल दिया. उसके पिता रहमान ने उसकी मां और उसके साथ बैठकर अकील को फंसाने के लिये यह योजना बनाई थी.
पुलिस ने बताया कि पिता-पुत्र ने लिखकर दिया है कि उन्होंने बेटी के हत्यारोपियों को फंसाने के लिए यह ड्रामा रचा था. इस मामले में रहमान, उसकी पत्नी और बेटे जफर के खिलाफ साजिश और पुलिस को गुमराह करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. आरोपियों ने अपनी बेटी के गुनहगारों को पकड़ने की भी मांग है.