मेघालय के निर्दलीय विधायक जूलियस दोरफांग पर 14 साल की किशोरी के यौन शोषण सनसनीखेज आरोप लगने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. यह घटना पिछले महिने उस वक्त सामने आई थी, जब राज्य के गृह मंत्री एचडीआर लिंगदोह के बेटे के गेस्ट हाउस से एक वेटर को गिरफ्तार किया गया था.
एसपी विवेक साइम ने बताया कि विधायक दोरफांग के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि पिछले माह इस मामले का खुलासा वेटर की गिरफ्तारी के बाद हुआ था. तभी गेस्ट हाउस के पास से एक नाबालिग पीड़िता को छु़ड़ाया गया, जिसने बाद में राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग को बताया कि उसे कई गेस्ट हाउस और होटलों में ले जाया जाता था.
पुलिस इस घटना की जांच कई कोणों से कर रही है. सेक्स रैकेट के आरोपियों में नेताओं की भूमिका भी हो सकती है. पुलिस को विधायक दोरफांग से पूछताछ करने के लिए गिरफ्तारी वारंट हासिल करने के लिए कोर्ट जाना पड़ा. दोरफांग एक उग्रवादी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे हैं.
पीड़िता के बयान के आधार पर इसी शहर की एक अन्य महिला को भी पुलिस ने पिछले महीने गिरफ्तार किया है. आरोप है कि यह महिला लडकी की दलाल के रूप में काम करती थी. इस बीच राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष मीना खारकोनगर ने सरकारी वकील आईसी झा को निर्देश दिए हैं कि इस केस में गिरफ्तार व्यक्ति की जमानत का विरोध करें.
आरोपी विधायक दोरफांग ने उग्रवाद छोड़कर 2007 में आत्मसमर्पण किया था. इसके बाद 2013 में उन्होंने मावहती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और वे जीत गए थे. सूत्रों का कहना है कि विधायक को कुछ सफेदपोश ही बचाने की कोशिश में जुटे हैं.
सूत्रों के मुताबिक ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह एक बड़ा सेक्स रैकेट है, जिसमें कई मंत्री, नेता और सरकारी अधिकारी शामिल हैं. आगामी 11 जनवरी को सिविल सोसाइटी ऑफ मेघालय ने गृहमंत्री की इस्तीफे की मांग को लेकर एक रैली का आयोजन किया है.