कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान किया था, जिसमें जरूरी सामानों की उपलब्धता के अलावा सबकुछ बंद था और इस दौरान शराब की दुकानें भी बंद थीं. ऐसे में साइबर क्रिमिनल्स ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन लीकर और वाइन शॉप के नाम से पेज बनाकर लोगों के पैसों पर जमकर हाथ साफ किया. ऐसे ही साइबर क्रिमिनल का शिकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रह चुके संजय बारू हुए थे.
संजय बारू लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट पर ऑनलाइन शराब की दुकान सर्च कर रहे थे. गूगल पर सर्च करने के दौरान संजय को फेसबुक पर एक पेज मिला, जिसका नाम था La Cave Wine shop.
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संजय ने पेज पर लिखे नंबर पर कॉल कर ऑनलाइन शराब का ऑर्डर किया. ऑनलाइन शराब बेचने का दावा करने वालों ने ऑनलाइन पेमेंट करने को कहा. ऑनलाइन पेमेंट के दौरान संजय के अकाउंट से 24 हजार रुपये निकाल लिए गए और फिर साइबर क्रिमिनल ने ठगी के बाद अपना फोन बंद कर लिया.
संजय ने दिल्ली के हौज खास थाने में इसकी शिकायत दी. जांच में पता चला कि सायबर क्रिमिनल ने फर्जी नाम पते पर बैंक अकाउंट खुलवा रखा था. दिल्ली पुलिस ने टेक्निकल टीम के जरिए जांच पड़ताल शुरू की गई. जांच में पता चला कि ये साइबर क्रिमिनल कमान, भरतपुर के रहने वाले हैं.
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ठगी के बाद पुलिस इन तक न पहुंच पाए, इसके लिए ये दूसरे राज्यों के सिम कार्ड और बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते थे. इन्होंने असम, महाराष्ट्र , पंजाब और राजस्थान के सिम कार्ड और बैंक अकाउंट का इस्तेमाल ज्यादा किया गया था.
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गहरी तहकीकात की तो पता चला कि संजय के साथ जो ठगी की गई वो पैसे पंजाब नेशनल बैंक में ट्रांसफर किए गए थे. अकाउंट होल्डर का नाम आकिब जावेद था और पता भरतपुर, राजस्थान का था. दिल्ली पुलिस की टीम ने आकिब के भरतपुर के घर पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार किया.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
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पूछताछ में आकिब ने बताया कि वो और उसके साथी दूसरे राज्यों के फर्जी नाम पते पर सिम कार्ड लेते थे और फिर अलग-अलग राज्यों में लोगों कॉल करते, फिर शिकार बनाते थे. ये लोग 5 से 10 मिनट में दूसरे राज्यों के 3 से 4 बैंक अकाउंट या मनी वॉलेट में पैसा ट्रांसफर करते थे.
इसके बाद वो पैसा उस अकाउंट में ट्रांसफर करते जो इनका खुद का अकाउंट होता था, जहां से ये पैसा निकाल पाते थे. सबकुछ इतनी प्लानिंग के साथ करते थे कि पुलिस आसानी से इन तक पहुंच नहीं पाती थी.
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हैरानी की बात ये है कि पढ़े लिखे लोगों के बैंक अकाउंट को पलक झपकते साफ कर देने वाला साइबर क्रिमिनल आकिब जावेद खुद 8वीं पास है और ओला कैब में ड्राइवर है. जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में वह साइबर क्रिमिनल के संपर्क में आया और फिर ठगी करने लगा.
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