उत्तर प्रदेश के पूर्व खेल राज्य मंत्री रामकरन आर्य को बस्ती जिला अदालत ने हत्या के 23 साल पुराने एक मुकदमे में उम्रकैद की सजा सुनाई है. अभियोजन पक्ष के अनुसार जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के भरवलिया गांव के निवासी शम्भू पाल की हत्या 23 नवम्बर 1994 को बस्ती शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित आवास विकास कॉलोनी में की गई थी.
इस मामले में सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व खेल राज्यमंत्री रामकरन आर्य सहित 10 लोगों पर हत्या का अभियोग दर्ज हुआ था. जिला जज अनिल कुमार पुंडीर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आर्य को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. केस की सुनवाई के दौरान एक अभियुक्त की मौत हो गई.
मृतक शम्भू पाल भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के भतीजे थे. 23 नवंबर 1994 को शहर के सुभाष तिराहा स्थित गांधी कला भवन के सामने दिन में 12 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस समय नगर पूरब से विधायक रहे रामकरन आर्य ने अपने गनर की बंदूक छीन कर शंभूपाल को गोली मारी थी. शंभू पाल एक गोष्ठी के लिए जा रहे थे.
उसी वक्त सुभाष तिराहा पर रामकरन आर्य की गाड़ी में शंभूपाल की जीप से पीछे से ठोकर लग गई. इसी बात पर दोनो पक्ष में कहासुनी हुई और बात बढ़ गई. तब से इस मामले की सुनवाई चल रही थी. सोमवार को दोपहर बाद एक बजे फैसला सुनाने का समय आया तो इसे देखने और सुनने के लिए कोर्ट के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई.
बताते चलें कि राम करन आर्य सपा सरकार में आबकारी एवं खेलकूद राज्य मंत्री रहे. साल 2017 का विधानसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़े और बुरी तरह चुनाव हार गए. वह चार बार विधायक और दो बार सपा सरकार में मंत्री रहे हैं. 1889 में वह इसी सीट से जनता दल के टिकट पर लड़कर जीते थे. 1993 में सपा में आकर चुनाव जीते.