छत्तीसगढ़ पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करके लोगों को चूना लगाने वाले एक गिरोह के चार ठगों को धर दबोचा है. इस गिरोह के पांच और ठगों की पुलिस को तलाश है. ये सभी ठग अनपढ़ हैं, लेकिन अंग्रेजी ऐसी बोलते है कि पढ़ा-लिखा आदमी धोखा खा जाए. पुलिस की टीम ठगों से उनके नेटवर्क और अपराध के बारे में पूछताछ कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस की गिरफ्त में आए ये ठग मोबाइल फोन पर कभी बैंक मैनेजर बनकर तो कभी LIC एजेंट का हवाला देकर लोगों से अकाउंट नंबर के बारे में जानकारी हासिल कर लेते हैं. फिर पलक झपकते ही उनके अकाउंट से रकम ट्रांसफर कर लेते हैं. इन्हीं चारों ठगों ने छत्तीसगढ़ के कई लोगों को लाखों का चुना लगाया है.
लोगों को ठगने के लिए इन्होंने जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया, उसी की जाल में ये सभी फंसते चले गए. चारो ठगों को झारखंड के जामताड़ा के गिरफ्तार कर पुलिस ने रायपुर लाया है. रायपुर के अलावा प्रदेश के एक दर्जन जिलों के अलग-अलग थानों में इनके खिलाफ ठगी के कई केस दर्ज हैं, जिनमें इनकी तलाश है.
झारखंड के जामताड़ा गिरोह के ज्यादातर ठग बेहद कम पढ़े लिखे हैं. लेकिन ठगी के कारोबार में इतने पारंगत हैं कि पढ़े लिखे लोग भी इनके आगे पानी भरते हैं. पुलिस अधीक्षक अमरेश मिश्रा के मुताबिक, जिले के खमतराई, राखी, कोतवाली और सरस्वती नगर थानों में दर्ज हुए फ्रॉड एटीएम मामलों में पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी की है.
उनके मुताबिक, इन मामलों के जांच के लिए पुलिस की टीम लगी थी. इस दौरान आरोपियों के झारखंड में सक्रिय होने का पता चला था. पुलिस की एक टीम ने झारखंड के देवघर, दुमका और जामताड़ा में दबिश देकर इन ठगों को गिरफ्तार किया है. चारों ठगों के नाम आशीष मंडल, शाहरुख उर्फ समीर खान, संतोष मंडल और चंद्रकुमार हैं.
इन ठगों ने अकेले रायपुर में चालीस से ज्यादा लोगो को बैंक अधिकारी बनकर फोन किया था. उनके खाते से लाखों की रकम पार कर दी थी. उनके पास से दो दर्जन से ज्यादा मोबाइल और ऐसे सॉफ्टवेयर बरामद किए, जिनका इस्तेमाल बैंकिंग कार्यों और सॉफ्टवेयर इंजीनियर वेबसाइट डिजाइन करने में करते हैं. आरोपियों के कई बैंक अकाउंट हैं.