निर्भया को इंसाफ मिलने में 7 साल लगे लेकिन एक ऐसी भी निर्भया है जिसने अपने साथ हुए गैंगरेप के इंसाफ के लिए 25 वर्षों का इंतजार किया और अब जाकर उसे इंसाफ मिला. इस निर्भया का गैंगरेप किसी आम इंसान ने नहीं बल्कि एक विधायक ने किया था. इस मामले में सुपौल कोर्ट ने त्रिवेणीगंज के पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार समेत चार लोगों को दोषी करार दिया है. बिहार के सुपौल में आरोपी जनप्रतिनिधि के अपराध से पूरा समाज हिल गया था.
क्या है पूरा मामला?
ये मामला 16 नवंबर 1994 का है, जब पीड़िता अपनी मां के साथ घर में सोई हुई थी. उस रात ठीक 12 बजे पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार अपने साथी शंभू सिंह, उमा सरदार और भूपेन्द्र यादव सहित कई अज्ञात लोगों के साथ पीड़िता के घर पर धावा बोल दिया था. आरोपी ने मां के साथ सोई पीड़िता को खींच कर उसका अपहरण कर लिया. आरोपियों ने पीड़िता के हाथ मुंह बांध दिए और जीप से घर से दूर ले गए.
ये भी पढ़ें: भोपाल में चलती कार में दो बच्चों की मां से गैंगरेप, 12 घंटे बंधक भी बनाया
बताया जा रहा है कि अपहरण के बाद पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार और उसके साथियों ने लड़की के साथ बलात्कार किया. बलात्कार के दौरान लड़की पूर्व विधायक के प्राइवेट पार्ट पर हमला कर किसी तरह से बलात्कारियों के चंगुल से भागकर अपने घर पहुंची और परिवारवालों को पूरी घटना की जानकारी दी. इस घटना को लेकर उस समय काफी हंगामा हुआ था.
लालू प्रसाद यादव कर रहे डैमेज कंट्रोल
बिहार में उस समय जनता दल की सरकार थी और लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. गैंगरेप को अंजाम देने वाला विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार भी जनता दल का त्रिवेणीगंज से विधायक था. लालू प्रसाद यादव उस समय विपक्ष के निशाने पर थे. लालू प्रसाद यादव डैमेज कंट्रोल में करने में लगे रहे.
आखिरकार भारी दबाव के बाद 19 नवंबर 1994 को त्रिवेणीगंज थाने में गैंगरेप का मामला दर्ज हुआ. जिसके बाद जख्मी हालत में लड़की का मेडिकल कराया गया और पुलिस ने अपनी जांच शुरू की. लालू प्रसाद यादव ने पीड़ित लड़की को बिहार पुलिस में भर्ती करवाया, जब जाकर मामला शांत हुआ.
सुपौल के इस चर्चित गैंगरेप के मामले में पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण, सरदार शंभू सिंह, भूपेन्द्र सरदार, उमा सरदार, रामफल यादव और हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा को नामजद किया गया था जिसमें कोर्ट ने पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार, शंभू सिंह, भूपेन्द्र यादव और उमा सरदार को दोषी करार दिया. 31 जनवरी को इन दोषियों को सजा सुनाई जायेगी.