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एसडीएम का आरोप, पीड़िता के बयान दर्ज कराने पर था पुलिस का दबाव

दिल्ली गैंगरेप का मामला पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है. इस मामले में एसडीएम उषा चतुर्वेदी ने डीसीपी साउथ छाया वर्मा, एसीपी वसंत विहार विजेता आर्या और एसीपी डिफेंस कॉलोनी मेहर सिंह पर आरोप लगाया है कि वो गैंगरेप पीड़ित छात्रा से मनचाहा बयान दिलाना चाहती थी.

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छाया शर्मा
छाया शर्मा

दिल्ली गैंगरेप का मामला पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है. इस मामले में एसडीएम उषा चतुर्वेदी ने डीसीपी साउथ छाया वर्मा, एसीपी वसंत विहार विजेता आर्या और एसीपी डिफेंस कॉलोनी मेहर सिंह पर आरोप लगाया है कि वो गैंगरेप पीड़ित छात्रा से मनचाहा बयान दिलाना चाहती थी.

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उषा चतुर्वेदी ने बकायदा चिट्ठी लिखकर दिल्ली के इन तीन आला अफसरों के खिलाफ दबाव बनाने का आरोप लगाया है. इस खत पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से जांच की मांग की गई है. इस चिट्ठी में उषा चतुर्वेदी ने बताया है कि जब वह गैंगरेप पीड़ित छात्रा का बयान लेने गईं तो इन तीन अफसरों ने उन्हें सवालों की सूची पकड़ाई.

उषा चतुर्वेदी का खत इस प्रकार है, 'मैं जब रेप पीड़ित छात्रा का स्टेटमेंट लेने गई थी तो वहां पुलिस के तीन बड़े अफसर दक्षिणी दिल्ली की डीसीपी, वसंत विहार की एसीपी और डिफेंस कॉलोनी की एसीपी पहले से ही भारी पुलिस बल के साथ मौजूद थे. उन्होंने मुझे सवालों की एक सूची दी और उसी आधार पर एक जांच अधिकारी के सामने बयान लेने को कहा. उन्होंने मुझपर उनके हिसाब से बयान दर्ज कराने का दबाव बनाया और जब मैंने इंकार किया तो उन्होंने मेरे साथ बदसलूकी की.'

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वहीं दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है. दिल्ली पुलिस की ओर से बयान आया है कि हम केस को और मजबूत बनाना चाहते थे और अभी भी यही चाहते हैं. पीड़ित छात्रा की मां वीडियोग्राफी नहीं चाहती थी. कोई भी बदसलूकी नहीं की गई ये सारे आरोप गलत हैं.

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