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5 राज्यों की पुलिस नहीं कर पाई जो काम, 7 साल जेल में रहने वाले इस IPS ने कर दिखाया

राजस्थान में आतंक का पर्याय बन चुके गैंगस्टर आनंदपाल को शनिवार रात पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया. इस पूरे ऑपरेशन को आईजी (एसओजी) दिनेश एमएन की अगुवाई में अंजाम दिया गया. यह वही आईपीएस अफसर दिनेश एमएन हैं, जो चर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में 7 साल जेल में सजा काट चुके हैं. जानिए, उनके बारे में.

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1995 बैच के IPS अफसर हैं दिनेश एमएन
1995 बैच के IPS अफसर हैं दिनेश एमएन

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राजस्थान में आतंक का पर्याय बन चुके गैंगस्टर आनंदपाल को शनिवार रात पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया. इस पूरे ऑपरेशन को आईजी (एसओजी) दिनेश एमएन की अगुवाई में अंजाम दिया गया. यह वही आईपीएस अफसर दिनेश एमएन हैं, जो चर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में 7 साल जेल में सजा काट चुके हैं.

आईजी दिनेश एमएन को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाना जाता है, लेकिन इस एनकाउंटर से उन्होंने दूरी बनाए रखी. मुठभेड़ के दौरान दिनेश एमएन जयपुर में ही मौजूद थे. आनंदपाल को पकड़ने की जिम्मेदारी दिनेश को ही दी गई थी. उन्होंने इस पूरी कार्रवाई का एसओजी मुख्यालय से ही सुपरविजन किया. बता दें कि 5 राज्यों की पुलिस आनंदपाल को तलाश रही थी.

1995 बैच के अफसर हैं दिनेश एमएन
दिनेश एमएन 1995 बैच के आईपीएस हैं. देश के तेजतर्रार आईपीएस अफसरों की फेहरिस्त में दिनेश एमएन का नाम आता है. कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन के दौरान उन्होंने अपनी कार्यशैली और क्षमता का प्रदर्शन किया है. कहा जाता है कि जब वह उदयपुर के करौली में एसपी थे तो बदमाश और डकैत उनके नाम से थर्राते थे.

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7 साल जेल में रहे दिनेश एमएन
26 नवंबर, 2005 को हुए सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में दिनेश एमएन 7 साल जेल में रहे. केस अभी कोर्ट में पेंडिंग है. गुजरात के इस हाईप्रोफाइल एनकाउंटर में खाकी, खादी और माफिया के मिलीभगत की बात सामने आई थी. जेल से बाहर आने के बाद सरकार ने एसीबी में उनकी तैनाती की. वहां भी लोगों में उनके नाम का खौफ पैदा हो गया. एसीबी के आईजी रहते हुए दिनेश एमएन ने एडीएम (एडिशनल डायरेक्टर माइनिंग) को ढाई करोड़ रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.

साल 2016 में एसओजी में हुई तैनाती
साल 2016 में सरकार ने एसओजी में उनकी तैनाती कर दी. इसके बाद से ही वह गैंगस्टर आनंदपाल केस का सुपरविजन कर रहे थे. आनंदपाल को गिरफ्तार करने से पहले उनकी टीम ने पाल को भगाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले तीनों बदमाशों को गिरफ्तार किया था.

लोगों के बीच काफी लोकप्रिय
आईपीएस दिनेश एमएन ने जिस जगह काम किया, वहां उनकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई. वह जनता के बीच खासा पसंद किए जाने वाले पुलिस अफसर हैं. उनकी ईमानदार छवि के लोग कायल हैं. जेल में 7 साल सजा काटने के बाद जब वह पहली बार उदयपुर पहुंचे तो उनके स्वागत में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. लोग उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे. इन लोगों में वह पुलिसकर्मी भी शामिल थे, जो उनके साथ काम कर चुके थे.

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कौन था गैंगस्टर आनंदपाल
आनंदपाल सिंह मूल रूप से नागौर के लाडनूं तहसील के गांव सांवराद का रहने वाला था. साल 2006 से आनंदपाल अपराध की दुनिया में सक्रिय था. उसके ऊपर कई आपराधिक मामले चल रहे थे. 3 सितंबर, 2015 में पेशी के दौरान पुलिसकर्मियों को नशीली मिठाई खिलाकर वह भाग गया था. 21 मार्च, 2016 को वसूली की रकम लेकर जा रहे आनंदपाल की पुलिस से गुढा भगवानदास में मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में एक खुम्माराम नामक एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी. एक अन्य पुलिसकर्मी और दो ग्रामीण घायल हो गए थे. आनंदपाल लूट, डकैती, गैंगवार और हत्या के कई संगीन मामलों में वांटेड था. आनंदपाल AK-47, ऑटोमैटिक मशीन गन, बम और बुलेट प्रूफ जैकेट आदि का इस्तेमाल करता था.

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