करीब डेढ़ साल से फरार चल रहा कुख्यात बदमाश आनंदपाल सिंह आखिरकार मारा गया. शनिवार रात राजस्थान के सालासर में एनकाउंटर के दौरान उसे मार गिराया गया. मुठभेड़ के दौरान आनंदपाल और उसके दो साथियों ने AK 47 समेत अन्य हथियारों से पुलिस पर करीब 100 राउंड फायर किए. आनंदपाल को 6 गोलियां लगीं. इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.
कैसे हुआ एनकाउंटर
पुलिस सूत्रों की मानें तो उन्हें आनंदपाल के साथियों ने ही बताया था कि वह सालासर में छुपा हुआ है. दरअसल एसओजी ने आनंदपाल के दो भाइयों देवेंद्र उर्फ गुट्टू और विक्की को हरियाणा के सिरसा से गिरफ्तार किया था. पिछले डेढ़ महीने से एसओजी के आईजी दिनेश एम.एन. की अगुवाई में एडिशनल एसपी संजीव भटनागर हरियाणा में डेरा डाले हुए थे. कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार देवेंद्र और विक्की एसओजी के हत्थे चढ़ गए.
घर की छत से पुलिस पर की फायरिंग
दोनों से पूछताछ में पता चला कि आनंदपाल सालासर में श्रवण सिंह नामक शख्स के घर में छिपा हुआ है. दो दिन पहले ही आनंदपाल यहां आया था. खबर पुख्ता होने के बाद एसओजी ने घेराबंदी कर आनंदपाल को पकड़ने की कोशिश की. पुलिस टीम इससे पहले कुछ समझ पाती आनंदपाल ने घर की छत से पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. एसओजी ने भी जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की. गोलीबारी में आनंदपाल मारा गया. उसे 6 गोलियां लगीं थीं.
कड़ी सुरक्षा के बावजूद हुआ था फरार
गौरतलब है, गैंगस्टर आनंदपाल सिंह कड़ी सुरक्षा के बीच से संदेहास्पद परिस्थितियों में भाग निकला था. इस हिस्ट्रीशीटर को पिछले डेढ़ साल से पुलिस हाथ तक नहीं लगा पाई थी. आनंदपाल को पकड़ने में अब तक करीब 8 से 9 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. पाल की मौत के बाद राजस्थान सरकार ने चैन की सांस ली है.
7 बार पुलिस को चकमा दे चुका था आनंदपाल
आनंदपाल इतना शातिर बदमाश था कि वह पिछले एक साल में 7 बार पुलिस को चकमा दे चुका था. आनंदपाल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को बेहद पसंद करता था. वह दाऊद से जुड़ी हर खबर को पढ़ता था, उसे फॉलो करता था. पुलिस सूत्रों के अनुसार, आनंदपाल जब जेल में बंद था, उस वक्त वह दाऊद पर लिखी किताबें पढ़ा करता था.