दिल्ली में हुए अब तक के सबसे बड़े एनकाउंटर में मारे गए क्रांति गैंग के सरगना राजेश भारती का आपराधिक इतिहास भी कम चौंकाने वाला नहीं है. महज 15 साल की उम्र में उसने पहली हत्या अपने बाप की ही की थी. इसके बाद उसे जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया था.
हरियाणा के जींद के कंडेला गांव का रहने वाला राजेश भारती पढ़ाई में अपनी क्लास में टॉपर था. 10वीं क्लास में जब वो पढ़ रहा था, तभी कुछ ऐसा हुआ कि उसकी पूरी जिंदगी ही बदल गई. अपने मां और भाई के साथ मिलकर राजेश ने अपने बाप की हत्या कर दी थी.
यहीं से अपराध की दुनिया में उसके दखल की शुरुआत हुई थी. गांव के लोग बताते हैं कि 10वीं का एग्जाम देने के लिए वो पुलिस कस्टडी में स्कूल आया था. इसके बाद में उसके चाचा ने अपने भाई का बदला लेने के लिए राजेश की मां की हत्या कर दी थी.
इस वारदात के बाद राजेश अपनी बहन और भाई के साथ गुरुग्राम चला आया. यहीं रहकर एक के बाद एक अपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा. राजेश ने दिल्ली एनसीआर में हत्या और लूट जैसी कई वारदातों को अपने गैंग के साथ मिलकर अंजाम दिया था.
फोन पर AK-47 से हत्या करने की धमकी देकर पैसे वसूलना उसका शौक था. गांव के सरपंच बताते हैं कि राजेश काफी होनहार था, लेकिन बाप की हत्या के बाद जेल जाने के बाद वो काफी खूंखार हो चुका था. राजेश अपने गांव की बजाए दिल्ली-एनसीआर को अपना गढ़ बनाया था.
पुलिस से भी नहीं डरता था राजेश
राजेश दिल्ली पुलिस को एक के बाद एक बड़ी वारदात करके चुनौती दे रहा था. फोन पर लोगों से धमकी देकर पैसे भी वसूल रहा था. वह बोलता भी था कि पुलिस को बता देना कि जेल से फरार मोस्ट वांटेड क्रांति गैंग के लोग पैसे मांग रहे हैं. उसका कहना था कि पुलिस भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकती.
क्रांति गैंग के सरगना का खात्मा
यही वजह है कि दिल्ली पुलिस इसके पीछे 6 महीने से लगातार लगी हुई थी. पुलिस की तलाश दिल्ली के छतरपुर इलाके में खत्म हुई. वहां मुठभेड़ में राजेश और उसके तीन साथियों को मार गिराया गया. इस तरह दिल्ली-एनसीआर में आतंक का नया इतिहास लिख रहे क्रांति गैंग के सरगना का खात्मा हुआ.
कार पर विधानसभा का स्टीकर
इस मुठभेड़ के एक चश्मदीद ने बताया कि बदमाशों की कार पर हरियाणा विधानसभा का स्टीकर लगा हुआ था. उस पर MLA लिखा हुआ था. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि ये स्टिकर उनके पास कहां से आया. पुलिस को शक है कि ये कार कहीं चोरी की तो नहीं है. दूसरी कार से पुलिस को 40 अलग-अलग नंबर प्लेट भी मिली हैं.