प्रख्यात पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के आरोप में कर्नाटक एसआईटी ने अमोल काले नाम के अपराधी को गिरफ्तार किया है. डीसीपी गणेश शिंदे ने अमोल काले की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी पुणे के चिंचवड़ का रहने वाला है.
चिंचवड़ इलाके के अक्षय प्लाजा सोसायटी में अमोल अपनी मां, पत्नी और एक बेटे के साथ पिछले 10 साल से रह रहा है. दावनगिरी जिले से 21 मई को अमोल काले को गिरफ्तार किया गया था. अमोल को शुरू में अवैध हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
लेकिन पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि अमोल काले का संबंध ग़ौरी लंकेश हत्याकांड में भी रहा है. जानकारी के मुताबिक, अमोल काले हिंदू जनजागरण समिती और सनातन संस्था से जुड़ा रहा है. फिलहाल इस मामले में न तो अमोल के पारीवार वाले कुछ बोल रहे हैं और न ही उसके करीबी.
बता दें कि गोरी लंकेश मर्डर केस में कर्नाटक पुलिस ने तीन दिन पहले 30 मई को चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें पुलिस भी इस नतीजे पर पहुंची है कि हिंदू धर्म की आलोचना के चलते ही गौरी लंकेश की हत्या की गई थी.
चार्जशीट में केटी नवीन कुमार को मुख्य आरोपी बनाया गया है. इसके साथ ही प्रवीन कुमार को भी आरोपी बनाया गया है, जो कि फिलहाल फरार है. करीब 600 पेज की इस चार्जशीट में 100 लोगों के नाम बतौर गवाह दर्ज है.
हालांकि 600 पेज की इस चार्जशीट के 110 पेज सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, गौरी लंकेश की हत्या की वजहों और साजिश की जानकारी इन्हीं 110 पेज में है. इसके अलावा मुख्य आरोपी नवीन कुमार के बयान को भी सार्वजनिक नहीं किया गया है.
आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक, चार्जशीट के इन सार्वजनिक न किए गए पृष्ठों में कहा गया है कि आरोपी गौरी लंकेश द्वारा प्रकाशित साप्ताहिक टेब्लॉयड में हिंदू धर्म की तीखी आलोचना करने, हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू धर्म की बुराई किए जाने से नाराज थे.
चार्जशीट में जो सबसे अहम खुलासा हुआ है, वह है कि नवीन कुमार गौरी लंकेश की हत्या की साजिश में शामिल था और हत्या की पूरी साजिश बेंगलुरु के विजयनगर में स्थित बीबीएमपी पार्क में बैठकर रची गई थी.
नवीन कुमार को पुलिस ने बंगलुरु से गिरफ्तार किया था. मैसूर के पास मंड्या का रहने वाला यह शूटर बंगलुरु में अवैध असलहा बेचने की फिराक में आया था. उसने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि हत्या में इस्तेमाल किए गए कारतूस यूपी से मंगाए गए थे और प्रत्येक कारतूस के लिए एक हजार रुपये चुकाया था.
नवीन ने ही हत्या की साजिश का खुलासा किया था. उसके जरिए इस वारदात में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान और तलाश की गई थी. इस केस की जांच कर रही एसआईटी को सबसे बड़ी सफलता, तब मिली जब सीसीटीवी फुटेज में आरोपी शूटर दिखाई दिया.
इसके जरिए पुलिस को पता चला कि वारदात को अंजाम देने से पहले संदिग्धों ने गौरी के घर की रेकी थी. बाइक पर आए संदिग्धों ने गौरी के घर के तीन चक्कर लगाए थे.