वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से हमलावर की ऐसी तस्वीर निकाली है, जिसमें वो साफ दिखाई दे रहा है. बाइक पर सवार हेलमेट पहने हमलावर ने पूरी बांह की शर्ट और पैंट पहने हुए है. उसके गले में किसी कंपनी का आईकार्ड और दाहिने हाथ में बैंड पहना हुआ है.
सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को ठोस सबूत हाथ लगे हैं. पुलिस 600 डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया है. इसके साथ ही कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से भी पूछताछ की गई है, जिन्होंने बाइक सवार बदमाश की पुष्टि की है. उन्होंने गौरी के मर्डर के बाद मौका-ए-वारदात से हमलावरों को भागते हुए देखा था. एसआईटी चीफ ने क्राइम सीन का कई बार दौरा किया है.
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि वारदात को अंजाम देने से पहले हमलावरों ने गौरी के घर की रेकी थी. बाइक से गौरी के घर के तीन चक्कर लगाए थे. मुख्य आरोपी की उम्र करीब 35 साल बताई जा रही है. उसने 7.65MM पिस्टल से इस वारदात को अंजाम दिया है. इसी तरह के पिस्तौल से एमएम कलबुर्गी को भी गोली मारी गई थी. पुलिस जांच जारी है.
वहीं, हिंदू जागरण वैदिक और सनातन संस्था ने संयुक्त प्रेंस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके संगठन के किसी भी सदस्य का इस केस में कोई हाथ नहीं है. दोनों संस्थाओं ने वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा की है. उनका कहना है कि इस वारदात के बाद जानबूझकर उनकी संस्थाओं का नाम घसीटा जा रहा है. वे हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं.
अब तक जांच में सामने आए तथ्य
- पुलिस ने 600 डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया है.
- हमलावरों को गौरी के घर के बारे में पता नहीं था, इसलिए उन्होंने उनके घर की दो बार रेकी की थी.
- इस केस की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख ने क्राइम सीन का 5 बार दौरा किया है.
- इस वारदात को दो लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है, जो CCTV कैमरे में कैद हो गया है.
- डॉक्टर एमएम कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या में बहुत समानता पाई गई है. दोनों को एक ही तरह से मारा गया है.
- एक संदिग्ध ने सफेद शर्ट और पैंट पहना था. उसके सिर पर हैलमेट थी. उसकी उम्र करीब 35 साल है.
- आरोपी सड़क के दाहिनी तरफ से गौरी के घर की तरफ आया, दूर आगे बढ़ा और फिर अपनी वापस मुड़ गया था.
- संदिग्ध को गौरी के घर के पास पहली बार शाम 3.27 बजे देखा गया. इसके बाद 7.15 बजे वह फिर वापस आया था.
- तीसरी बार जब संदिग्ध आया तो उसकी पीठ पर एक काला बैग था. हो सकता है इस बैग में वह हथियार लेकर आया हो.
- गौरी के घर पर पहुंचते ही उनके उपर चार राउंड फायरिंग की गई थी, जिसमें तीन सीधे उनके शरीर पर लगी थी.
गौरी ने बताया था जान का खतरा
बताते चलें कि गौरी लंकेश कन्नड़ टेबलॉयड 'लंकेश पत्रिका' की संपादक थीं. नवंबर, 2016 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके कारण उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया गया. इस मामले में उन्हें 6 महीने की जेल हुई थी. कर्नाटक के पुलिस प्रमुख आर के दत्ता को उन्होंने अपनी जीवन पर खतरा बताया था.