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अपहरण और छेड़छाड़ के मामले में गायत्री प्रजापति को जमानत

यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को अपहरण और छेड़छाड़ के मामले में सोमवार को सशर्त जमानत मिल गई है. गायत्री प्रजापति के अलावा उनके दो और सहयोगियों को भी अदालत ने राहत दे दी.

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पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति

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यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को अपहरण और छेड़छाड़ के मामले में सोमवार को सशर्त जमानत मिल गई है. गायत्री प्रजापति के अलावा उनके दो और सहयोगियों को भी अदालत ने राहत दे दी. सभी को यह जमानत 50-50 हजार रुपये की मुचलके पर दी गई है. इतनी ही राशि के बांड भी अदालत में जमा करने के आदेश दिए गए हैं.

जानकारी के मुताबिक, गायत्री प्रजापति ने अदालत में अर्जी देकर कहा था कि वह निर्दोष हैं. उन्हें फंसाया गया है. यह मामला 2016 का है, जब चित्रकूट की एक महिला ने गायत्री प्रजापति के खिलाफ गोमती नगर थाने में मामला दर्ज कराया था. इससे पहले गायत्री प्रजापति को धोखाधड़ी के एक मामले में जमानत मिल चुकी है.

बताते चलें कि नाबालिग से रेप के मामले में गायत्री फिलहाल जेल मे हैं.  रेप पीड़िता के मुताबिक, साल 2014 में नौकरी और प्लॉट दिलान के बहाने उसे गायत्री प्रसाद प्रजापति ने लखनऊ स्थित गौतमपल्ली आवास पर बुलाया. वहां चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया. इसके बाद वह अपना सुध-बुध खो बैठी.

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पीड़िता का यह भी आरोप है कि बेहोशी की हालत में मंत्री और उसके सहयोगी ने रेप किया था. इसका अश्लील वीडियो बनाते हुए तस्वीरें भी ली गई थीं. अश्लील वीडियो और तस्वीरों के जरिए गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके सहयोगी साल 2016 तक उसे और उसकी बेटी को हवस का शिकार बनाते रहे.

इससे तंग आकर उसने 7 अक्टूबर 2016 को थाने में तहरीर दी, लेकिन उस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. इसके बाद पीड़िता सूबे के आलाधिकारियों से भी मिली थी. पुलिस से जब पीड़िता को इंसाफ नहीं मिला, तो उसने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन वहां उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया.

इसके बाद भी पीड़िता हार नहीं मानी. वह सुप्रीम कोर्ट के दर पर पहुंची. सुप्रीम कोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को जोरदार झटका देते हुए पुलिस को निर्देश दिया कि इस मामले में केस दर्ज करके तेजी से जांच की जाए. इसके बाद पुलिस ने गायत्री प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन वह खुद को बेगुनाह बताते रहे थे.

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