सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर और उनके पति आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को गाजियाबाद की एक महिला की मदद से रेप के फर्जी मामले सहित अन्य फर्जी मुकदमों में फंसाए जाने के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य के खिलाफ दर्ज मुकदमे में उनके खिलाफ आरोपपत्र तैयार कर लिया गया है, जो सोमवार को दाखिल किया जाएगा.
यह तथ्य मामले के सह विवेचक गोमतीनगर थानाध्यक्ष विश्वजीत सिंह ने नूतन को अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रजापति की गिरफ्तारी के 90 दिन 24 जुलाई को पूरे हो रहे हैं, इसलिए सोमवार को आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया जाएगा. यह मामला जून, 2015 में दर्ज कराया गया था. इसमें प्रजापति के अलावा कई और लोग भी अभियुक्त हैं.
इनमें राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष जरीना उस्मानी, पूर्व सदस्य अशोक पाण्डेय और अन्य लोग शामिल हैं. इस मामले में जुलाई, 2015 में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई थी, लेकिन नूतन की विरोध याचिका पर सीजेएम लखनऊ के आदेशों के बाद इसकी पुनर्विवेचना की गई. तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने मार्च, 2017 में विवेचना की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को दी.
बताते चलें कि इसके साथ ही गायत्री प्रजापति, उनके गनर चंद्रपाल, रुपेश्वर उर्फ रुपेश, अशोक तिवारी, विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह और आशीष शुक्ला के खिलाफ गैंगरेप का केस भी दर्ज है. 18 फरवरी, 2017 को लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में रेप की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले में जमानत के लिए 10 करोड़ घूस देने के आरोप भी प्रजापति पर है.