गाजीपुर के चर्चित सिपाही हत्याकांड में कुल 32 नामजद और 80 अज्ञात पर एफआईआर हुई है जिसमें पुलिस ने 16 और गिरफ्तारियां की हैं. मुख्य आरोपी अर्जुन कश्यप अभी भी फरार है, पुलिस उसके हर ठिकाने पर दबिश डाल रही है. पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि पुलिस हत्या मामले में कुल 27 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि साक्ष्यों के आधार पर पुलिस जल्द ही भीड़ को उकसाने वाले लोगों को भी गिरफ्तार कर लेगी. उधर हत्या के बाद पुलिसकर्मी के बेटे ने कहा था कि जब पुलिस अपनी ही रक्षा नहीं कर सकती तो दूसरों की क्या करेगी. पूरा परिवार दुखी है.
शनिवार 29 दिसंबर को पीएम गाज़ीपुर पहुंचे थे. करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात सिपाही सुरेश वत्स की भी वहीं ड्यूटी लगी थी. वहां से लौटते समय निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नोनहरा के फतेहपुर पुलिस चौकी इलाके में जाम लगा रखा था. सुरेश वत्स ने टीम के साथ जाम खुलवाने की कोशिश की तो पत्थर मारकर उनकी हत्या कर दी गई.
पुलिस ने देर रात 32 नामजद लोगों समेत 150 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया. गाजीपुर में सिपाही की हत्या के बाद वाराणसी जोन के एडीजी वाराणसी पी वी रामा शास्त्री मौके पर पहुंचे और उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि शनिवार 5:30 बजे यह वारदात हुई.
ऐसे हुई थी वारदात
बताया गया कि शनिवार को निषाद पार्टी के लोग धरना देना चाहते थे. लेकिन पीएम की यात्रा को देखते हुए अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद ये लोग बिना परमीशन धरना देने लगे जिसमें 3-4 लोगों को पकड़ कर थाने लाया गया. उधर पीएम 12.30 बजे गाजीपुर में आए और 1:45 बजे चले गए. इस दौरान नोनहरा थाना क्षेत्र के फतेहपुर अटवा पुलिस चौकी के पास धीरे-धीरे निषाद पार्टी के लोग इकट्ठा होने लगे और सड़क पर बैठ गए.
इधर, शाम को पुलिस जब वापस जाने लगी तो गाज़ीपुर से बलिया बक्सर जाने वाले रूट पर लोगों ने जाम लगा रखा था. इस बीच पुलिस टीम वहां पहुंची और जाम खुलवाने लगी. इसके बाद पथराव शुरू हो गया जिसमें सिपाही सुरेश वत्स की मौत हो गई.