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फर्जी दरोगा बनकर पुलिस लाइन में रह रही थी युवती, ऐसे खुला राज

पुलिस लाइन के बैरक में रहने के दौरान जब युवती थाने में आमद कराने नहीं गई और ज्यादा समय बैरक में बिताने लगी. उसकी गतिविधियों को देखकर पुलिस को शक हुआ. जांच में फर्जीवाड़े की बात सामने आई और युवती को गिरफ्तार कर लिया गया.

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गाजियाबाद में फर्जी सब इंस्पेक्टर बन कर रह रही युवती गिरफ्तार
गाजियाबाद में फर्जी सब इंस्पेक्टर बन कर रह रही युवती गिरफ्तार

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  • आरोपी युवती ने झूठ बोला कि विजयनगर थाने में हुआ है ट्रांसफर
  • महिला सिपाही की बैरक में ज्यादा समय बिताने पर हुआ शक
  • पूछताछ में युवती नहीं दिखा पाई आई कार्ड, जांच में जुटी पुलिस

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पुलिस ने एक ऐसी युवती को गिरफ्तार किया है जो खुद को यूपी पुलिस में दरोगा बताकर बीते तीन दिन से गाजियाबाद पुलिस लाइंस में रह रही थी. हैरान करने वाली बात यह है कि बिना थाने में आमद कराए उसने गाजियाबाद पुलिस लाइन की महिला सिपाही की बैरक में रहना शुरू कर दिया और यहां तैनात अधिकारियों को उसका झूठ पकड़ में नहीं आया. लेकिन महिला के अपने बैरक में ज्यादा समय बिताने के चलते महिला बैरक की कुछ महिला सिपाहियों को उस युवती पर शक हो गया और जांच में युवती के फर्जी दरोगा होने की असलियत सामने आ गई.

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कविनगर थाना पुलिस ने बीते शुक्रवार को आरोपी युवती और एक अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. पुलिसवाले ने आरोपी युवती को गाजियाबाद पुलिस लाइन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी युवती यूपी के रामपुर की रहने वाली है. युवती पिछले तीन दिनों से फर्जी तरीके से खुद को दरोगा बताकर पुलिस लाइन की महिला बैरक में रह रही थी.

मुरादाबाद से ट्रांसफर की बात बताई

डिप्टी एसपी आतिश कुमार ने बताया, 'गिरफ्तार आरोपी युवती की पहचान 21 वर्षीय प्रभजोत कौर के रूप में हुई है, जो रामपुर के बिलासपुर की रहने वाली है. 3 दिन पहले बीते बुधवार शाम युवती पुलिस लाइंस में रघुवेंद्र नाम के व्यक्ति के साथ आई थी, जिसे वह अपना पिता बता रही थी. प्रभजोत ने खुद को दरोगा बताते हुए कहा कि वह मुरादाबाद से यहां ट्रांसफर हुई है और विजयनगर थाने में तैनाती मिली है.

आरोपी युवती कहना था कि जब तक उसके रहने का कोई इंतजाम नहीं हो जाता तब तक उसे पुलिस लाइन के बैरक में रहने दिया जाये. महिला की इस अपील के बाद उसे महिला बैरक में रहने दिया गया था. वहीं युवती दरोगा की वर्दी पहन कर गाजियाबाद पुलिस लाइन पहुचीं थी जिसकी वजह से वहां तैनात पुलिसकर्मी भी धोखा खा गए और उसे रहने के लिए महिला बैरक उपलब्ध करा दी गई.

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बैरक में ज्यादा समय रहने से खुला राज

जानकारी के अनुसार पुलिस लाइन के बैरक में रहने के दौरान जब युवती थाने में आमद कराने नहीं गई और ज्यादा समय बैरक में बिताने लगी. उसकी इन गतिविधियों को देखकर पुलिस लाइन गाजियाबाद के प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) को मामले की जानकारी दी गई और फिर पूछताछ में सारी सच्चाई सामने आ गई.

पुलिस की पूछताछ में युवती अपना आई कार्ड भी नहीं दिखा सकी और ना ही अपना पीएनओ नंबर बता पाई. जबकि जांच में विजयनगर थाने में तैनाती की बात भी फर्जी निकली. पुलिस की जांच में युवती का पूरा फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया और युवती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. अब पुलिस अधिकारी पूरे मामले की गहन जांच कर रहे हैं.

पुलिस फिलहाल ये पता लगाने में लगी हुई है कि युवती के यहां ठहरने का मकसद क्या था और फर्जीवाड़ा कर वो यहां क्यों रुकी थी. पुलिस अब इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि युवती ने कहीं कोई ठगी की घटना को अंजाम तो नहीं दिया था.

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