दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में एक शख्स की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. मृतक अपने पिता के कत्ल का चश्मदीद गवाह था. मृतक की पहचान महेंद्र के रूप में हुई है. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
दरअसल, अपने पिता की हत्या का गवाह होने के चलते महेंद्र पिछले 9 साल से हर तारीख पर कोर्ट जाता था. वह पुलिस के सामने कातिलों की पहचान भी कर चुका था. लेकिन इससे पहले कि ये केस किसी अंजाम तक पहुंचता महेंद्र का भी कत्ल हो गया.
कत्ल की ये संगीन वारदात गाजियाबाद के मसूरी इलाके में हुई. महेंद्र उसी इलाके में मौजूद थे, तभी दो बदमाश आए और सरेआम एक के बाद एक तीन गोली महेंद्र के सिर में उतार दी. जिससे महेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई. गोली चलने से इलाके में अफरा तफरी मच गई. हमलावर वहां से भाग निकले.
महेंद्र दलित समुदाय से ताल्लुक रखते थे. महेंद्र की हत्या के बाद पूरे इलाके तनाव व्याप्त हो गया. जिसकी वजह से मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है.
पुलिस के मुताबिक वर्ष 2009 में एक शादी समारोह के दौरान झगड़ा हो गया था. वो झगड़ा इतना बढ़ गया कि समारोह में ही गोलियां चल गई. जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में महेंद्र के पिता भी शामिल थे.
महेंद्र की इस पूरी वारदात के चश्मदीद गवाह थे, 50 साल के महेंद्र पिछले 9 सालों से केस की पैरवी कर रहे थे, इस दौरान उन्हें, धमकी भी दी गई. 2009 में महेंद्र के पिता के अलावा दूसरे पक्ष के भी दो लोगों की मौत हुई थी. आरोप है कि दूसरे पक्ष के लोग अक्सर महेंद्र को धमकी दिया करते थे.
घरवालों का कहना है कि पुलिस को पहले ही बता दिया गया था कि महेंद्र की जान को खतरा है. पुलिस ने आकर मामले में दूसरे पक्ष के लोगों से बात भी की थी. लेकिन फिर भी महेंद्र की जान नहीं बच पाई. मामले में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिए जाने की ख़बर है. लेकिन अब तक मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताए जा रहे हैं.