गाजियाबाद के कविनगर इलाके में शुक्रवार को दारोगा ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली है. बताया जा रहा है कि मृतक दारोगा का नाम मधुप है और वह बागपत में तैनात थे. पुलिस को लाश को कब्जे में ले लिया है और सुसाइड नोट की तलाश की जा रही है. पुलिस को मौके से कोई भी सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. अभी आत्महत्या के कारण का पता नहीं चला है. परिवार से भी पूछताछ की जा रही है.
इससे पहले फरीदाबाद में एनआईटी जोन के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) विक्रम कपूर ने 14 अगस्त को गोली मारकर खुदकुशी की थी. बुधवार की सुबह 6 बजे विक्रम कपूर ने अपने सरकारी आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
खुदकुशी की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है. पुलिस को मौके से फिलहाल कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ था. विक्रम कपूर 2020 में अपने पद से रिटायर होने वाले थे.
इससे पहले अमृतसर में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. इस मामले में 532 करोड़ रुपए की हीरोइन तस्करी के मामले में आरोपी साबित होने पर एक थानेदार ने खुदकुशी कर ली थी. थानेदार अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर तैनात था.
थानेदार का नाम अवतार सिंह है जिसे सोमवार को हेरोइन और दूसरे नशीले पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया गया था. घटना के दिन भी आरोपी अवतार सिंह और उसका दूसरा साथी को पुलिस कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही थी.
घटना के दिन पुलिस दोनों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही थी. पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी थानेदारों के तार 30 जून को पकड़े गए 532 किलो हिरोइन के जखीरे के मामले से जुड़े हुए थे. जिसमें इस मामले के मुख्य आरोपी गुरपिंदर सिंह की 21 जुलाई को अमृतसर के जुडिशल लॉकअप में मौत हो गई थी.