scorecardresearch
 

गाजियाबाद में लापता बच्ची की फरियाद लेकर गए परिजनों को पुलिस ने पीटा

गाजियाबाद पुलिस का एक बार फिर बर्बर चेहरा सामने आया जब थाने में एक महीने से गायब लड़की की गुमशुदगी का रिपोर्ट लिखाने गए उसके परिजनों को पुलिसवाले ने पिटाई कर दी.

Advertisement
X
एक महीने से नाबालिग लड़की का अब तक कोई सुराग नहीं
एक महीने से नाबालिग लड़की का अब तक कोई सुराग नहीं

Advertisement

एक महीना पहले लापता हुई नाबालिग लड़की को अब तक दिल्ली से सटे गाजियाबाद की पुलिस तलाश नहीं कर सकी है. इतना ही नहीं लड़की के परिजन जब थाने में अपनी गुहार लेकर गए तो पुलिसवालों ने उनकी पिटाई कर दी.

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तहरीर भी अपनी मर्जी से लिखी है. आरोपों के घेरे में एक रिटायर आईपीएस भी है, शायद इसीलिए पुलिस मामले में ढिलाई बरत रही है.

गाजियाबाद की कविनगर थाना पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने फरियादियों की न सिर्फ पिटाई की बल्कि धक्के मारकर थाने से बाहर निकाल दिया. नैतिकता और कानून भूल चुकी कविनगर पुलिस महिलाओं तक को नहीं बख्शा.

दरअसल, कविनगर थाना इलाके में रहने वाली 15 साल की शबाना 2 अगस्त से लापता है. परिजनों के मुताबिक वो एक रिटायर आईपीएस के घर में काम करती थी. लापता होने वाले दिन उसकी दादी ने उसे घर पर छोड़ा लेकिन शाम को वो वहां नहीं मिली. शाम को पूछताछ करने पर इन लोगों को धमकाया गया.

Advertisement

परिजनों की माने तो पुलिस ने उनकी ओर से दी गई तहरीर को ही बदल दिया. आईपीएस का नाम हटाने को लेकर उन पर दवाब बनाया गया. साथ ही परिजनों को धमकाया भी गया. 2 अगस्त को लापता हुई शबाना की गुमशुदगी की जानकारी अगले दिन पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस ने अपनी मर्जी के मुताबिक एक दिन बाद मुकदमा लिखा.

दूसरी ओर, पुलिस अधिकारी भी इस मामले में ज्यादा बोलने से बच रहे है. रिटायर आईपीएस के नाम आने के कारण शायद अधिकारी अब दवाब में हैं. एक महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन पुलिस अभी तक बच्ची की तलाश नहीं कर सकी है.

Advertisement
Advertisement