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समलैंगिक संबंधों में धोखे से नाराज गर्लफ्रेंड ने कराया था एसिड अटैक

गाजियाबाद में ऑटो सवार युवती पर तेजाब फेंके जाने के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने एक युवती समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. दरअसल, आरोपी युवती पीड़िता के साथ काम करती थी. उसी दौरान उन दोनों के बीच समलैंगिक संबंध बन गए. लेकिन बाद में पीड़िता ने युवती से दूरी बनाई तो आरोपी ने उसके खिलाफ ये साजिश रच डाली.

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पुलिस ने आरोपी युवती समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है
पुलिस ने आरोपी युवती समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है

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गाजियाबाद में ऑटो सवार युवती पर तेजाब फेंके जाने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने एक युवती समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. दरअसल, आरोपी युवती पीड़िता के साथ काम करती थी. उसी दौरान उन दोनों के बीच समलैंगिक संबंध बन गए. लेकिन बाद में पीड़िता ने युवती से दूरी बनाई तो आरोपी ने उसके खिलाफ ये साजिश रच डाली.

गाजियाबाद पुलिस ने गुरुवार को इस मामले का खुलासा किया तो हर कोई हैरान रह गया. दरअसल, दो दिन पहले यानी 20 मार्च को मोहननगर चौराहे पर ऑटो में बैठी एक युवती पर कुछ लोग एसिड फेंक कर भाग गए थे. इस हमले में युवती समेत पांच लोग घायल हो गए थे. तभी से पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही थी.

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इसी दौरान पुलिस आरोपियों तक जा पहुंची और एक के बाद एक पांच लोग गिरफ्तार कर लिए गए. जिनमें एक युवती भी शामिल है. पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि हमले की पूरी साजिश पीड़िता की दोस्त अंजू गुप्ता ने रची थी. पूछताछ में अंजू ने पुलिस को बताया कि पीड़िता और वो नोएडा के सेक्टर 63 में एक साथ नौकरी करती थीं. वहीं पर उन दोनों के बीच दोस्ती हो गई.

मगर बात यहीं नहीं थमी. उसके बाद अंजू को पीड़िता से प्यार हो गया. उन दोनों के बीच समलैंगिक संबंध बन गए. सब कुछ सामान्य चल रहा था. इसी दौरान पीड़िता की जिंदगी में एक युवक आ गया. वो उससे प्यार करने लगी. अंजू ने अपनी गर्लफ्रेंड को उस लड़के से दोस्ती तोड़ने के लिए कई बार कहा लेकिन वो नहीं मानी.

अंजू के मुताबिक पीडिता ने लड़के से दोस्ती नहीं तोड़ी और वह उससे दूरी बनाने लगी. उस लड़के को लेकर अंजू और उसकी गर्लफ्रेंड के बीच आए दिन झगड़ा होने लगा. अंजू ने पीड़िता पर दबाव बनाने के लिए उसके खिलाफ थाना सेक्टर-2 नोएडा में एनसीआर भी पंजीकृत कराई थी.

उस शिकायत के दर्ज हो जाने के बाद पीड़िता ने अंजू से बात करना ही बिल्कुल बंद कर दिया. इसके बाद अंजू पीड़िता का पीछा करने लगी. उसके आने-जाने का रास्ता और समय नोट करने लगी. पीड़िता की रेकी और पीछा करते वक्त उसकी पहचान ऑटो चालक रवि और लोकेश से हुई. वो अंजू को घर तक ले जाते थे, लड़की का पीछा करते वक्त भी वे अंजू के साथ होते थे.

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पीछा करते समय अंजू अपना फोन बंद रखती थी. इसी दौरान उसने इंटेक्स का एक नया फोन खरीदा. जिसका इस्तेमाल वो लोकेश और रवि से बात करने के लिए करती थी. उस फोन के लिए नया सिम भी लोकेश ने उसे लाकर दिया था. रेकी करते वक्त वह नया नंबर और फोन इस्तेमाल करती थी.

एक दिन लोकेश और रवि ने अंजू से पूछा कि मैडम आप इनका पीछा क्यूं करती हो. तब अंजू ने उन्हें बताया कि उसे इस लड़की से बदला लेना है. उन्होंने कहा कि वे बदला लेने में उसकी मदद कर सकते हैं. जिसकी एवज़ में वे एक लाख रुपये लेंगे. अंजू ने हामी भर दी और उन दोनों को 30 हजार रुपये एडवांस दे दिए.

अंजू ने उनसे कहा कि वो 70 हजार रुपये काम हो जाने के बाद उन्हें देगी. इसके बाद रवि और लोकेश ने लालू और सलमान से तेज़ाब खरीदा. घटना के दिन यानी 20 मार्च को रवि अपने साथी लोकेश के साथ मिलकर लाजपत नगर से ऑफिस जाते समय पीड़िता के पीछे गए और मौका मिलते ही उन दोनों ने मोहननगर चौराहे के पास ऑटो में बैठी पीड़िता के ऊपर तेज़ाब फेंक दिया. इस घटना में पीड़िता के अलावा अन्य चार लोग भी घायल हो गए थे.

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