सुप्रीम कोर्ट ने 5 साल की मासूम बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या करने वाले दोषी को बड़ी राहत देते हुए उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया. सजायाफ्ता मुजरिम एक ऑटो चालक था. जिसने पड़ोस में रहने वाली बच्ची को स्कूल छोड़ने के बहाने अपनी हवस का शिकार बनाया था.
देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस मामले में दोषी को मौत की सजा सुनाते हुए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था. इसी तर्क के आधार पर उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया. अब उसे अपनी जिंदगी के 25 साल जेल में ही बिताने होंगे.
बलात्कार और हत्या का यह मामला वर्ष 2015 का है. जब एक ऑटोरिक्शा चालक ने उसके पड़ोस में रहने वाली एक पांच वर्षीय मासूम बच्ची को अपनी हवस का शिकार बना लिया था. वो बच्ची को स्कूल लेकर जाता था.
इस मामले में बच्ची के घर वाले ही चश्मदीद गवाह थे. जिनके बयान के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया गया था.