उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में दूसरे समुदाय के लड़कों के हमले में घायल लड़की की जान चली गई. पीड़िता से मारपीट और छेड़छाड़ की गई थी. मारपीट में घायल हुई लड़की ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है. मृतक लड़की के गांव के रहने वाले करीमुद्दीन और यूसुफ पर छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप लगाया गया है. परिवार का आरोप है कि हमारी शिकायत पर पुलिस ने ध्यान नहीं दिया.
बताया गया कि 12 सितंबर (सोमवार) को लखीमपुर खीरी जिले में भीरा थाना इलाके के एक गांव में 18 साल की रानी (बदला हुआ नाम) से घर में घुसकर गांव के ही करीमुद्दीन और यूसुफ ने छेड़खानी की थी. घर में रानी अकेली थी इस बात का फायदा उठाकर दोनों उसके साथ छेड़छाड़ करने लगे. विरोध करने पर दोनों ने पीड़िता को मिलकर बेहरमी से पीटा.
इस दौरान रानी की मां घर पहुंची तो उसने आरोपियों को रोकने की कोशिश की. जिस पर करीमुद्दीन और यूसुफ ने उसके साथ भी मारपीट कर दी और वहां से भाग निकले. शाम होने पर रानी का भाई घर पहुंचा तो उसे पूरी घटना के बारे में बताया.
पुलिस ने नहीं सुनी हमारी बात
घायल रानी को अपने साथ लेकर भाई और मां पडरिया पुलिस के पास गए, लेकिन वहां उन लोगों की सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद तीनों बिजुआ पुलिस चौकी पहुंची लेकिन वहां भी उन्हे निराशा हाथ लगी. निराश होकर मां, बेटी और भाई भीरा थाने पहुंचे.
रानी की मां का कहना है कि भीरा थाना पुलिस ने शिकायत करने पर डांटा-फटकारा और रानी के बयान का वीडियो बनाकर उन्हें जाने को कह दिया था. हमारी शिकायत पर एनसीआर दर्ज करके आरोपियों को मामूली धाराओं में ही छोड़ दिया था. पुलिस ने हमारी एक नहीं सुनी और रानी का मेडिकल टेस्ट भी नहीं कराया था.
फिर हो गई रानी की मौत
मां का कहना है कि 16 सितंबर को रानी की हालत ज्यादा खराब होने लगी तो हम उसे बिजुआ सीएचसी लेकर पहुंचे थे. लेकिन गंभीर घायल होने के कारण रानी की इलाज के दौरान मौत हो गई.
पीड़िता मौत पर मां का कहना है कि बिजुआ चौकी इंचार्ज ने हमारी बेटी को डरा-धमकाकर बयान लेकर उसका वीडियो बना लिया था. अगर पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की होती और हमारी बेटी का समय पर इलाज करा दिया होता तो आज उसकी मौत ना हुई होती.
पोस्ट मार्टम के लिए नहीं दिया था शव
रानी की मौत के बाद उसके परिजन अस्पताल से उसके शव को सीधे घर लेके पहुंचे. पुलिस को रानी की मौत की जानकारी मिली तो वो पोस्ट मार्टम के लिए शव लेने के उसके घर गए. लेकिन परिजनों ने रानी का शव देने से मना कर दिया. एडीएम, एडिशनल एसपी सहित दूरसे थानों के थाना प्रभारी ने पीड़ित परिवार को काफी समझाया, तब कहीं जाकर परिवार ने रानी का शव उन्हें सौंपा. पुलिस ने रानी के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा है.
गांव में तैनात पुलिस
रानी की मौत के बाद गांव में पुलिस तैनात की गई है. गांव का माहौल ना बिगड़े इसके लिए पुलिस के आला अधिकारी भी गांव पहुंचे हैं.
गोला तहसील के एसडीएम अनुराग सिंह ने बताया कि 12 तारीख को मारपीट हुई थी उस संबंध में मुकदमा लिखा गया था. तबियत बिगड़ने पर लड़की की मौत हो गई है. मामले में जांच की जा रही है. पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.