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गोरखनाथ मंदिर में जवानों पर हमला करने वाले आरोपी के पिता का दावा- मानसिक रूप से बीमार है बेटा

गोरखनाथ मंदिर में जवानों पर हमला करने वाला आरोपी मुर्तजा मानसिक रूप से बीमार बताया गया है. ये दावा आरोपी के पिता ने कर दिया है. उनकी नजरों में बचपन से ही उसे दिक्कत थी और 2018 में स्थिति ज्यादा भयानक हो गई.

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गोरखनाथ मंदिर में जवानों पर हमला
गोरखनाथ मंदिर में जवानों पर हमला
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आरोपी के पिता बोले- बेटा आतंकी नहीं
  • 'बेटे के प्रति सहानुभूति दिखाई जाए'

गोरखनाथ मंदिर में जवानों पर जानलेवा हमला करने वाला आरोपी अहमद मुर्तजा को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. आरोपी के पिता ने आजतक से खास बातचीत करते हुए बताया है कि उसका बेटा मानसिक रूप से बीमार है. वो स्टेबल नहीं है और अकेला नहीं रह सकता है.

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मुर्तजा के पिता ने कहा है कि बचपन से ही वो बीमार था जिसको हम नहीं समझ पाए लेकिन 2018 में आते-आते इस बीमारी ने भयानक रूप ले लिया. नौकरी के दौरान भी महीने 2 महीने बिना सूचना के कमरे में पड़ा रहता था. नौकरी पर नहीं जाता था. हमने इसका इलाज जामनगर अहमदाबाद में भी करवाया. यह अकेले रह नहीं सकता है, बिल्कुल स्टेबल नहीं है.

आरोपी में थी सुसाइडल टेंडेंसी?

पिता की माने तो उनके बेटे में शुरू से सुसाइडल टेंडेंसी थी. वे बताते हैं कि मैंने बचपन में साइकिल दिलाई तो कहता था तो मन करता है कभी कार से लड़ा दूं. लगता है वह अपनी जान देने के लिए वहां गया था. मुनीर मोहम्मद ने ये भी जानकारी दी है कि तीन दिन पहले पुलिस 36 लाख रुपए के बकाए का नोटिस लेकर उनके बेटे की तलाश में आई थी. 36 लाख के बकाए का नोटिस देख मुर्तजा हाइपर हो गया था और पता नहीं फिर कैसे मंदिर के पुलिस कर्मियों से लड़ बैठा.

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पिछले दिनों की घटना को याद कर आरोपी के पिता कहते हैं कि मैं 28 मार्च को मुंबई गया था, वहां हमारा फ्लैट है उसको किराए पर उठाने के लिए गया था. 2 अप्रैल को मैं इंडिगो की फ्लाइट से वापस आया था. उसके पास से बरामद बैग मैं मेरा ही बोर्डिंग के पास लगे हैं. हम कुछ दिन पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर इनके नानी नाना के यहां भी गए थे. उसके बाद से कहीं नहीं गया.

सरकार बता रही आतंकी, पिता का इनकार

लेकिन अब जब मुर्तजा ने इतना बड़ा हमला कर दिया है और यूपी सरकार उसे एक आतंकी के रूप में देख रही है, पिता सहानुभूति दिखाने की अपील कर रहे हैं. वे जोर देकर कहते हैं कि हम कैसे मान लें कि वह आतंकी हो गया, आतंकी होता तो बंदूक लेकर जाता. वह किसी और के बहकावे में नहीं अपने दिमाग के बहकावे में था जो मानसिक रोगी है. मेरे बेटे ने जो किया है वह अच्छा काम नहीं किया है. बस सरकार उसके साथ सहानुभूति पूर्वक रवैया अपनाएं, क्योंकि वह मानसिक तौर पर ठीक नहीं है.

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