उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के एक गांव पहुंची सीबीआई अधिकारियों की टीम पर शनिवार को हमला किया गया. सीबीआई (CBI) अधिकारियों की टीम 2014 के एक जमीन धोखाधड़ी केस की जांच के सिलसिले में गांव पहुंची थी.
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले का एक आरोपी, जो खुद सीबीआई कर्मी है, के रिश्तेदारों ने जांच एजेंसी की टीम पर हमला किया और उसे खदेड़ दिया. टीम में एक महिला कांस्टेबल भी शामिल थी. आरोपी के रिश्तेदारों से झड़प के दौरान सीबीआई के कुछ कर्मी घायल हो गए. रिश्तेदारों ने सीबीआई कर्मियों को सोनपुरा गांव में एक निजी मकान के भीतर जाने को मजबूर कर दिया.
उन्होंने सीबीआई कर्मियों को डंडों से पीटा और उनसे हाथापाई की ताकि भागने में आरोपी की मदद की जा सके. सीबीआई ने दिल्ली में बयान जारी कर यह जानकारी दी. सीबीआई ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने मोबाइल फोन और कुछ सदस्यों के पहचान-पत्र जला दिए. एजेंसी ने कहा कि उसने स्थानीय पुलिस में मामले की शिकायत की जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.
126 करोड़ की धोखाधड़ी
सीबीआई 2014 में हुई कथित जमीन धोखाधड़ी के एक मामले की जांच के सिलसिले में गांव गई थी. इस मामले में करीब 126 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है. यह मामला यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) से जुड़ा है. बीते तीन फरवरी को सीबीआई ने गाजियाबाद में तैनात अपने दो कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया.
आरोपी बनाए गए दोनों कर्मी पहले इस मामले की छानबीन कर रहे थे. दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोपी सीबीआई इंस्पेक्टर वी एस राठौड़ को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि सहायक सब इंस्पेक्टर (एएसआई) सुनील दत्त फरार चल रहा था.
ग्रेटर नोएडा पुलिस ने बताया कि शनिवार की सुबह सीबीआई की पांच सदस्यों वाली एक टीम अपनी जांच के सिलसिले में सोनपुरा गांव पहुंची. सीबीआई टीम जब दत्त को तलाश रही थी तभी उसके रिश्तेदारों ने एजेंसी के अधिकारियों पर हमला कर दिया.
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) विनीत जायसवाल ने कहा कि इकोटेक-3 पुलिस थाने को सूचना मिली कि आरोपी के परिजन और रिश्तेदार सीबीआई कर्मियों से बदसलूकी कर रहे हैं. पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया. बदसलूकी की शिकायत सही पाई गई. एक केस दर्ज किया गया है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
इकोटेक-3 पुलिस थाने की एसएचओ अनिता चौहान ने बताया कि रिश्तेदारों पर सरकारी कर्मियों को बंधक बनाने, उन पर हमला करने और सरकारी कर्मियों का काम बाधित करने के आरोप दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि दत्त के भाई युद्धवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने कहा कि वाईईआईडीए के पूर्व सीईओ पी सी गुप्ता सहित इसके कुछ कर्मियों ने निजी कंपनियों के साथ मिलकर मथुरा के सात गांवों में 2014 में करीब 57 हेक्टेयर अनुपयोगी जमीन खरीदी थी और इसके एवज में प्राधिकरण द्वारा इसके मालिकों को मुआवजा दिलवाया था, लेकिन मुआवजे की रकम ऐसी खरीद के लिए प्राधिकरण द्वारा तय मुआवजे से कहीं ज्यादा थी. ऐसा करते हुए आरोपियों ने न केवल वाईईआईडीए को नुकसान पहुंचाया बल्कि धोखाधड़ी से निजी फायदा भी हासिल किया. पांच साल पुराने इस मामले में कम से कम छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इस मामले में कुल 21 लोगों को आरोपी बनाया गया था.