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दिल्ली में गेस्ट टीचर की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या

शुरुआती जांच में आपसी रंजिश का मामला लग रहा है. पुलिस आरोपियों की पहचान के लिए परिवार वालों से पूछताछ कर रही है. साथ ही वारदात के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है.

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गेस्ट टीचर की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या
गेस्ट टीचर की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या

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दिल्ली के स्वरूप नगर इलाके में दिनदहाड़े एक गेस्ट टीचर की गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है. टीचर को 12 गोलियां मारी गईं. आरोपी हवा में गोलियां चलाते हुए फरार हो गए. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है.

शुरुआती जांच में आपसी रंजिश का मामला लग रहा है. पुलिस आरोपियों की पहचान के लिए परिवार वालों से पूछताछ कर रही है. साथ ही वारदात के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है. सूत्रों की मानें तो बदमाश कार में सवार थे. उनकी कार सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है. पुलिस फुटेज से कार के नंबर से आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. वारदात के वक्त गेस्ट टीचर के पास किसका फोन आया था. कौन था वो, इस बारे में भी पुलिस तहकीकात कर रही है.

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मृतक की पहचान दीपक के रूप में हुई है. दीपक ताजपुर गांव का रहने वाला था. पुलिस कंट्रोल रूप को सोमवार शाम चार बजकर 35 मिनट पर स्वरूप नगर इलाके में युवक को गोली मारने की सूचना मिली. पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा एक युवक का शव खून से लथपथ हालत में एक कार के पीछे पड़ा था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वारदात की सूचना पुलिस ने दीपक के परिवार वालों को दी.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दीपक स्वरूप नगर इलाके में  स्थित निगर निगम स्कूल में कॉन्ट्रेक्ट टीचर था. स्कूल एनडीपीएल ऑफिस की गली नंबर तीन में है. दीपक हर रोज की तरह अपनी वैगनार कार से घर से स्कूल आया था. वारदात के वक्त वह स्कूल में था. उस वक्त दीपक के पास किसी का फोन आया था. फोन पर बातचीत करते हुए वह बाहर तक आ गया था. इसी बीच उसके पास एक कार की रफ्तार कम हुई. जिसमें से दो बदमाशों ने दीपक पर अंधाधुंध गोलियां चलाई. दीपक को 12 गोलियां लगी. गोलियों की आवाज सुनते ही वहां भगदड़ मच गई. लोग दुकानों के अंदर घुस गए. बदमाश हवाई फायर करते हुए मौके पर से फरार हो गए.

वारदात की जगह से कुछ दूरी तक कारतूस के खाली खोखे भी पुलिस को बरामद हुए हैं. स्कूल प्रिंसिपल सुरेश कुमार  ने बताया कि कोई फोन आया तो दीपक बाहर चले गए, तभी बाहर से पटाखों के फूटने जैसी आवाजें आईं. हमने पटाखे समझ ध्यान नहीं दिया लेकिन गोली लगने का शोर सुना और बाहर गया तो देखा दीपक कुमार को गोलियां लगीं थीं. हमने तुरन्त पुलिस को कॉल किया. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तक ऐसा कोई चश्मदीद सामने नहीं आया  है, जिसने हमलावर देखें हो. वहां सिर्फ तेजी से एक लाल रंग की कार जाते हुए देखी गई. ये साफ नहीं कि वो कार राहगीर की थी या हमलावर भी उसी कार में थे. उनका कहना है कि क्राइम सीन देखकर लग रहा है कि टीचर दीपक कुमार ने काफी बचने की कोशिश की. वो अपनी खुद की वेगनआर कार की तरफ भी भागे पर दस से ज्यादा राउंड गोलियों से दीपक कुमार खुद को बचा नहीं पाए. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दीपक वारदात के वक्त किसी से फोन पर बातें कर रहे थे. फोन किसने किया था. इस बारे में भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है.

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