बिहार पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. सूबे के विभिन्न पुलिस शस्त्रागार से बंदूक की बहुत सारी गोलियां गायब हो गई हैं. डीजीपी के आदेश पर पूरे बिहार के शस्त्रागारों में हथियारों और गोलियों का सत्यापन चल रहा है. पता चला है कि समस्तीपुर और सीवान के शस्त्रागार से काफी संख्या में गोलियां गायब हैं.
माना जा रहा है कि पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से ये गोलियां बेच दी गई हैं. सीवान के एसपी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. समस्तीपुर में जांच के दौरान तीन पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आई है. समस्तीपुर के एसपी ने तीनों को निलंबित कर दिया है. बाकि जिलों में सत्यापान का काम अभी चल रहा है.
इस मामले में समस्तीपुर के मुफस्सिल थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है. पुलिस लाइन के शस्त्रागार से 4056 गोलियां और 9 मैगजीन गायब हुई हैं. पुलिस जांच में 9 एमएम के 3817, एके 47 के 49, राइफल की 110, इंसास राइफल की 26 गोलियां गायब मिली हैं. इस मामले का खुलासा होते ही महकमे में हड़कंप मच गया.
एसपी दीपक रंजन के आदेश पर मुफस्सिल थाने में सार्जेंट मेजर सहित 12 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इनकी कभी भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं. इस गंभीर मसले पर आईजी अभियान से लेकर एसपी तक ऑन कैमरा कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. आरोपी सार्जेंट मेजर मिथिलेश कुमार ने भी कुछ भी बोलने से मना कर दिया.
इसी तरह सीवान से भी गोलियों के गायब होने की खबर मिली है. इसकी जांच शुरू कर दी गई है. एडीजी हेडक्वार्टर एसके सिंघल ने कहा कि हमारा प्रोविज़न डायरेक्टोरेटर हथियार, गोली, गाड़ियां आदि का हिसाब रखती है. ये एक सामान्य प्रक्रिया है. इसके तहत सभी यूनिट इंचार्जों को हथियारों को सत्यापित करने का निर्देश दिया गया है.
सत्यापन के दौरान पता चला कि सीवान से एक 303 की राइफल, दो 9 एमएम की पिस्टल और कुछ गोलियां कम हैं. इसके बाद सीवान एसपी ने मुफ्सिल थाने में केस दर्ज कराया है. इसके साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है. प्रथमदृष्टया तीन लोगों की संलिप्तता प्रकाश में आई है. इनका नाम राजेंद्र गिरी, उमाशंकर सिंह और आशीष आनंद है.