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प्रद्युम्न मर्डर केसः आरोपी छात्र की जमानत याचिका खारिज

प्रद्युम्न मर्डर केस में गुड़गांव जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग़ आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. साथ ही आरोपी पर बालिग की तरह केस चलाए जाने की मांग के चलते उसकी मानसिक प्रृवत्ति को लेकर साइकोलॉजिकल और सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट बंद लिफाफे में बोर्ड के सामने पेश की गई. रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.

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जेजेबी ने आरोपी छात्र की जमानत रद्द कर दी
जेजेबी ने आरोपी छात्र की जमानत रद्द कर दी

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प्रद्युम्न मर्डर केस में गुड़गांव जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग़ आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. साथ ही आरोपी पर बालिग की तरह केस चलाए जाने की मांग के चलते उसकी मानसिक प्रृवत्ति को लेकर साइकोलॉजिकल और सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट बंद लिफाफे में बोर्ड के सामने पेश की गई. रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.

बोर्ड के सामने शुक्रवार को पेश की गई रिपोर्ट में कई ऐसी बातें लिखी हैं जो इशारा कर रही हैं कि यह आरोपी सामान्य नाबालिग नहीं है. बोर्ड ने JJB एक्ट के सेक्शन 15 के तहत एक सोशल कमेटी बनाई थी और रोहतक PG मेडिकल कॉलेज के एक क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट को रिपोर्ट तैयार करने के लिए नियुक्त किया था.

यह रिपोर्ट बंद लिफाफे में बोर्ड के समक्ष पेश की गई. रिपोर्ट्स दोनों पक्षों को स्टडी के लिए दी गई है. सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में लिखा था कि बच्चा हाइपर अग्रेसिव है. घर के अंदर मां बाप के बीच होने वाले झगड़ों से परेशान रहता है.

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रिपोर्ट के मुताबिक कई और अहम बातों का खुलासा हुआ है. आरोपी के नाबालिग होने की वजह से उन बातों को मीडिया के सामने नहीं लाया गया.

प्रद्युम्न के वकील के मुताबिक रिपोर्ट में ऐसे साफ संकेत हैं, जिनके आधार पर आरोपी पर बालिग की तरह केस चलाया जा सकता है. लंबी बहस के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने फैसला 20 दिसंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है.

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