देश की राजधानी तो दिल्ली है, लेकिन दिल्ली से ही सटा गुरुग्राम अपराधों की राजधानी बनता जा रहा है. यहां बदमाशों के हौसले दिन पर दिन बुलंद होते जा रहे हैं और लोगों में बदमाशों का खौफ बढ़ता जा रहा है. ऐसी परिस्थितियों में भी एक बेटी ने ऐसी दिलेरी का परिचय दिया है कि बदमाशों के भी होश फाख्ता हो गए.
एक युवती के इतनी दिलेरी दिखाने के बावजूद गुरुग्राम पुलिस का ढुलमुल रवैया उसी तरह बरकरार है और लापरवाहियां हद से पार होती जा रही हैं. यह दिलेर महिला येतु गुरुग्राम में एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है और अमूमन देर रात 11 बजे तक ऑफिस से घर लौटती है.
वारदात शुक्रवार की रात की है. उस दिन संयोग से येतु ऑफिस से जल्दी छूट गई. रात करीब 9.20 बजे येतु ऑफिस से लौटते हुए घर के पास पहंचने ही वाली थी कि अचानक बाइक पर सवार दो बदमाश आए और येतु का मोबाइल छीनने की कोशिश की.
बदमाशों ने येतु का मोबाइल छीन भी लिया और भागने लगे, लेकिन तभी येतु ने गजब का साहस और फूर्ती दिखाई. उसने भाग रहे बाइक पर पीछे बैठे बदमाश को पकड़ लिया, जिससे दोनों बाइक समेत गिर पड़े . येतु रुकी नहीं और उसने बेहद तेजी से उनकी बाइक की चाबी निकाल ली.
फंसता देख दोनों बदमाश भाग खड़े हुए. हालांकि थोड़ी ही देर में दोनों बदमाश फिर लौटे और येतु को मारने की धमकी देने लगे. झगड़े के हालात देख येतु के पास ही खड़े उसके एक जान-पहचान वाले व्यक्ति आ गए, जिन्हें देख बदमाश फिर से फरार हो गए.
येतु ने अपनी बहादुरी से बदमाशों के तो हौसले पस्त कर दिए, लेकिन पुलिस के रवैये के चलते निश्चित तौर पर येतु के हौसले ही धीमे पड़ गए. येतु ने आरोप लगाया है कि 9.20 बजे वारदात हुई और उसने चार बार पीसीआर को कॉल किया. लेकिन पुलिस पूरे 40 मिनट बाद 10.30 बजे आई.
येतु का कहना है कि थाना बिल्कुल पास में ही है, इसके बावजूद पीसीआर को आने में इतना वक्त लग गया. इतना ही नहीं पीसीआर के साथ IO आए ही नहीं और जब उसने पुलिसकर्मियों से कमिश्नर का नंबर मांगा तो उसे वह भी नहीं दिया गया.
आखिरकार पुलिसकर्मियों ने बहुत जोर देने और दबाव बनाने पर DCP से बात कराई और उसके बाद तब जाकर SHO मौके पर पहुंचे. गुरुग्राम पुलिस का यह रवैया गुरुग्राम की लड़कियों के लिए एक तरह से चेतावनी ही कही जाएगी कि अगर कहीं उन्होंने बदमाशों से पंगा लिया तो पुलिस भी उन्हें बचाने समय पर नहीं पहुंचेगी.