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मक्की की धमकी को गीदड़भभकी समझ हुई चूक, वरना बच जाती अमरनाथ यात्रियों की जान

मुंबई हमले में मोस्ट वांटेड आतंकी और आतंकी संगठन जमात उद दावा का सेकेंड कमान अब्दुल रहमान मक्की का 19 जून को एक वीडियो सामने आया था. इसमें वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कश्मीर को आजादी दिलाने की बात कहता नजर आ रहा है. वह कह रहा है कि यदि मीडिया चाहे तो कश्मीर को दो-तीन से हफ्ते में आजादी मिल सकती है. इसमें हाफिज सईद का जीजा मक्की कश्मीर में फिर से आतंक फैलाने की धमकी देता हुआ नजर आ रहा था.

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आतंकी संगठन जमात उद दावा का सेकेंड कमान अब्दुल रहमान मक्की
आतंकी संगठन जमात उद दावा का सेकेंड कमान अब्दुल रहमान मक्की

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मुंबई हमले में मोस्ट वांटेड आतंकी और आतंकी संगठन जमात उद दावा का सेकेंड कमान अब्दुल रहमान मक्की का 19 जून को एक वीडियो सामने आया था. इसमें वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कश्मीर को आजादी दिलाने की बात कहता नजर आ रहा है. वह कह रहा है कि यदि मीडिया चाहे तो कश्मीर को दो-तीन से हफ्ते में आजादी मिल सकती है. इसमें हाफिज सईद का जीजा मक्की कश्मीर में फिर से आतंक फैलाने की धमकी देता हुआ नजर आ रहा था.

इस वीडियो में दी गई धमकी को गीदड़भभकी समझकर शायद इसकी अनदेखी कर दी गई, लेकिन अब जरा आतंक के इस डिजाइन को समझिए. इस वीडियो के सामने आने से ठीक हफ्तेभर पहले 13 जून को घाटी में 6 सिलसिलेवार आतंकी हमले हुए थे. हालांकि, 6 सीरियल हमलों में से कोई भी हमला अमरनाथ यात्रा के रूट पर नहीं था, लेकिन यात्रा रूट से इन हमलों की नजदीकी को देखते हुए हुए इस बात की पूरी आशंका थी कि आतंकियों की काली निगाह अमरनाथ यात्रा पर जमी थी.

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13 जून को कश्मीर घाटी के पुलवामा जिले में त्राल में ही दो हमले हुए, जबकि अमरनाथ यात्रा पहलगाम से शुरु होती है. एनएच-501 के रास्ते त्राल से पहलगाम की दूरी 61 किमी है. आतंकियों ने अनंतनाग में हाईकोर्ट के जज के सुरक्षाकर्मियों पर पर भी हमला किया. अनंतनाग से पहलगाम की दूरी महज 43 किमी है. सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि घाटी में बर्फ पिघलने के साथ आतंकियों की घुसपैठ में तेजी आ जाती है. इस बार ताबड़तोड़ पाकिस्तानी फायरिंग शक और भी पुख्ता कर रही है.

सुरक्षाबलों की तैयारी को मात दे गए आतंकी

पाकिस्तानी सेना और आईएसआई बड़ी तादाद में भाड़े के आतंकियों को भारतीय इलाके में घुसपैठ कराने की साजिश में है. पाकिस्तान और उसके आतंकियों की साजिशों से निपटने के लिए सुरक्षाबलों ने भी भरपूर तैयारी की थी. 8 जुलाई को बुरहान एनकाउंटर की बरसी को देखते हुए हमले की आशंकी थी, लेकिन सबकुछ शांतिपूर्ण तरीके से निपटने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन अमरनाथ यात्रियों पर हुआ हमला बताता है कि आतंकियों की तैयारी सुरक्षाबलों से दो कदम आगे थी.

मक्की के सिर पर 13 करोड़ का इनाम

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को उसके घर में नजरबंद करने के बाद उसके बहनोई हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को जमात-उद-दावा की कमान सौंपी गई है. भारत के खिलाफ हमेशा जहर उगलने वाले खूंखार आतंकी मक्की के सिर पर करीब 13 करोड़ रुपये (20 लाख डॉलर) का इनाम है. मक्की तालिबान सरगना मुल्ला उमर और अलकायदा सरगना अल-जवाहिरी का भी बेहद करीबी रहा है. अमेरिका के अलकायदा और तालिबान के निशाना बनाने का मक्की ने कड़ा विरोध किया था.

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भारत के खिलाफ उगलता रहा है जहर

हाफिज रहमान मक्की भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए ही जाना जाता है. साल 2010 में भारत विरोधी बयान को लेकर वह सुर्खियों में भी रह चुका है. उसने पुणे के जर्मन बेकरी में धमाके के आठ दिन पहले मुजफ्फराबाद में भाषण दिया था और पुणे समेत भारत के तीन शहरों में आतंकी हमले करने की धमकी दी थी. भारत की मांग पर अमेरिका ने मक्की को आतंकी घोषित किया था. इसके सिर पर 13 करोड़ रुपये का इनाम भी रखा गया है. मक्की अब कश्मीर पर आतंकी साजिश रच रहा है.

 

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