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पलवलः मस्जिद निर्माण में आतंकी फंडिंग? क्या फेल हो जाएगी NIA की थ्योरी

एनआईए की टीम ने दिल्ली के निजामुद्दीन से मोहम्मद सलमान और उसके 2 साथियों मोहम्मद सलीम और सज्जाद अब्दुल वानी को सितंबर महीने में गिरफ्तार किया था. उनसे हुई पूछताछ के बाद 3 अक्टूबर को एनआईए की टीम पलवल पहुंची थी.

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NIA की टीम इस मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है (फोटो- चिराग)
NIA की टीम इस मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है (फोटो- चिराग)

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आतंकवाद के मामलों की जांच करने वाली नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने दावा किया है कि हरियाणा की एक निर्माणाधीन मस्जिद में एक आतंकी का पैसा लगा है. हालांकि, पलवल के उटावड़ गांव के लोग इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. गांववालों के मुताबिक यह मस्जिद चंदे से बनाई जा रही है. वो आरोपी सलमान को भी बेकसूर बताते हैं. आजतक की टीम ने गांव में जाकर इस मामले की छानबीन की.

पलवल की एक निर्माणाधीन मस्जिद उस वक्त चर्चाओं में आ गई, जब उसके निर्माण में आतंकी फंड की बात सामने आई. दरअसल, एनआईए ने मस्जिद बनवाने में अगुवा की भूमिका निभाने वाले शख्स सलमान को पिछले महीने ही गिरफ्तार किया था. उससे लंबी पूछताछ के बाद इस महीने के पहले हफ्ते में एनआईए ने निर्माणाधीन मस्जिद में रेड डाली थी.

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इसके बाद एनआईए ने दावा किया कि इस निर्माणाधीन आलीशान मस्जिद के लिए हाफिज सईद ने फंडिंग की है. जिस जगह पर ये मस्जिद बन रही है, वो उटावड़ गांव भारत की राजधानी दिल्ली से 100 किलोमीटर के अंदर ही है.

दरअसल, एनआईए ने दिल्ली के निजामुद्दीन से मोहम्मद सलमान और उसके 2 साथियों मोहम्मद सलीम और सज्जाद अब्दुल वानी को सितंबर महीने में गिरफ्तार किया था. उनसे हुई पूछताछ के बाद 3 अक्टूबर को एनआईए की टीम पलवल पहुंची थी, जहां इस खुलफा-ए-रशीदन मस्जिद को सर्च की गई.

NIA दावा कर रही है कि सलमान को हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा के एनजीओ फलह-ए-इंसानियत से हवाला के जरिए पैसा मिला है. पलवल के एसपी वसीम अकरम के मुताबिक वर्तमान में सलमान दिल्ली में रहता रहा है, लेकिन वह पलवल के उटावड़ गांव का ही रहने वाला है.

सूत्रों का दावा है कि NIA से पूछताछ में सलमान ने कबूला है कि वो दुबई में मौजूद एक पाकिस्तानी से पैसा हासिल कर रहा था. NIA को संदेह है कि सलमान का वही हैंडलर है. NIA को पता चला है कि दुबई में जिस शख्स से सलमान फंड हासिल करता था, वो फलह-ए-इंसानियत के डिप्टी चीफ के लगातार संपर्क में रहता है.

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NIA से पूछताछ में सलमान ने पिछले 5 साल से फंड मिलने की बात कबूली तो है लेकिन उसके मुताबिक उसे पता नहीं था कि ये आतंक का पैसा है. हाफिज की फंडिंग से जिस मस्जिद को बनाए जाने का दावा हो रहा है, वो करीब 8 साल से बन रही है. तभी से सलमान उटावड़ गांव में लगातार आता रहा है. वहां वो मस्जिद के बगल में ही एक कमरे में रहा करता था.

जिस सलमान को एनआईए ने गिरफ्तार किया है, उसके पिता मौलवी दाऊद पलवल समेत पूरे मेवात क्षेत्र में बड़ा रसूख रखते थे. वो 50 साल पहले दिल्ली चले गए थे और दिल्ली के निजामुद्दीन की एक मस्जिद में इमाम थे. इलाके के लोगों का कहना है कि यह निर्माणाधीन मस्जिद इलाके की 36 बिरादरियों की है. जिन्होंने इसके निर्माण के लिए चंदा दिया है.

आजतक की टीम को स्थानीय लोगों ने बताया कि मस्जिद का निर्माण कराने वाली सभी बिरादरियों की तरफ से सलमान को मस्जिद की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया था. इलाके की लोग सलमान को पूरी तरह से बेकसूर बता रहे हैं. ऐसे में ये पूरा मामला और ज्यादा उलझता जा रहा है.

बताते चलें कि एनआईए की टीम ने सोमवार को मस्जिद के दस्तावेजों को कई घंटे तक खंगाला और कुछ दस्तावेजों को एनआईए की टीम अपने साथ ले गई. एनआईए अपनी जांच में जानना चाह रही है कि मस्जिद और टेरर फंडिंग से जुड़े इस मामले में किसी संस्थान, मदरसे आदि से संदिग्ध लेन-देन का कोई कनेक्शन तो नहीं है.

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इस मामले में अन्य लोगों की गिरफ्तारी होने की भी संभावना है. टीम ने मस्जिद में मौजूद कई लोगों के बयान भी लिए. आतंकी संगठन लश्कर से संबंधित संगठनों के यहां की मस्जिद और मदरसों में अवैध तरीके से फंडिंग किए जाने आशंका है. हालांकि इस मामले पर एनआईए की टीम ने मीडिया से कोई बात नहीं की है.

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