राम रहीम की राजदार और डेरे की चेयरपर्सन विपश्यना इंसान बुधवार को सिरसा पुलिस के सामने पेश हो गई. पंचकूला पुलिस उसकी तलाश में हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में लगातार छापेमारी कर रही थी. पंचकूला पुलिस ने विपश्यना के खिलाफ जनवरी में अरेस्ट वारंट जारी कर रखा है, लेकिन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया.
सिरसा में हिंसा के मामले में पुलिस ने डेरा प्रबंधन कमेटी को नोटिस देते हुए विपश्यना को 14 फरवरी तक पेश होने की मोहलत दी थी. एसपी सिमरदीप सिंह ने कहा कि वह बुधवार 12 बजे पेश हुई. उसे महिला थाना एसएचओ लेकर उनके कार्यालय पहुंची. वहां एसआईटी इंचार्ज अजय शर्मा ने 6 घंटे तक पूछताछ की है.
इस दौरान डेरे से जुड़े मामलों को लेकर 250 से अधिक सवाल किए गए. फरार चल रहे डेरा प्रवक्ता आदित्य इंसां और डॉ. पीआर नैन समेत गोलो मौसी के ठिकानों के बारे में पूछताछ की गई है. इस बारे में विपश्यना इंसान ने क्या बताया है, इसका अभी तक खुलासा नहीं किया गया है. पुलिस आगे भी पूछताछ करेगी.
सूत्रों के मुताबिक तो विपश्यना को डेरा की संपत्ति और खजाने की पूरी जानकारी है. जांच में सामने आया है कि हनीप्रीत इंसा के निर्देश पर वह डेरा के चेक साइन करती थी. उसे 17 अगस्त की विवादित बैठक के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन 13 अक्टूबर को जब वह पंचकूला पुलिस के सामने पेश हुई थी तो गोलमोल जवाब दिया था.
इतना ही नहीं 25 अगस्त के दिन विपश्यना ने ही हनीप्रीत को डेरा पहुंचाने में मदद की थी. उसने ही हनीप्रीत को रोहतक से सिरसा के लिए भेजने के लिए एक गाड़ी का प्रबंध किया था. सूत्रों के मुताबिक विपश्यना को मालूम था कि हनीप्रीत ने डेरा के बायोमेट्रिक ताले खोलकर वहां से नकदी, जमीन के कागजात और बैंकों से जुड़े दस्तावेज गायब किए थे.
विपश्यना को अब तक कुल 5 बार एसआईटी के सामने पेश होने के लिए सम्मन जारी किए गए थे, लेकिन वह सिर्फ दो बार ही पुलिस के सामने पेश हो पाई थी. उसने तीन बार बीमारी का बहाना बनाकर पुलिस से मोहलत मांगी थी. शक है कि विपश्यना ने तीन बार झूठे मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किए क्योंकि सारे डेरा अस्पताल से जारी किए गए थे.