सिरसा पुलिस को 8 सितंबर को डेरा सच्चा सौदा परिसर से जब्त किए गए सामान के बोरे में से दो लैपटॉप मिले हैं. इनको जांच के लिए हरियाणा की फोरेंसिक प्रयोगशाला मधुबन, करनाल को भेज दिया गया है. डेरा से बरामद इन दोनों लैपटॉप की ज्यादातर फाइलें डिलीट कर दी गई हैं. आईटी एक्सपर्ट की टीम इन फाइलों को रिकवर करने की कोशिश में जुटी है.
सूत्रों के मुताबिक, रिकवरी की प्रारंभिक प्रक्रिया के दौरान जो फाइल मिली हैं, उनमें ज्यादातर राम रहीम की कंपनियों से संबंधित हैं. अभी तक कुल 7 कंपनियों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं. इनमें से एक कंपनी रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी हुई है. इस कंपनी का मुख्यालय दिल्ली में दिखाया गया है. डेरा का काफी पैसा रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी कंपनियों में लगा था.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक ऐसी ही कंपनी पंजाब के जीरकपुर में भी स्थित है. इस कंपनी के मालिक पर आरोप है कि उसने 25 अगस्त के दिन राम रहीम को अपनी गाड़ियों का काफिला मुहैया कराया था. हनीप्रीत ने जिस लैपटॉप में पंचकूला हिंसा से जुड़े हुए गाइड मैप और लोगों की सूची स्टोर की थी, वह अभी भी बरामद नहीं हुआ है.
कयास लगाए जा रहे हैं कि जिन दो लैपटॉप को सिरसा से बरामद किया गया है, उनमें से एक हनीप्रीत का हो सकता है. हनीप्रीत ने पुलिस को बताया था कि उसने 26 अगस्त को अपना लैपटॉप, डायरी और मोबाइल डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपश्यना इंसा को सौंप दिया था. विपश्यना ने हनीप्रीत का मोबाइल पुलिस को सौंप दिया है.
बताते चलें कि 8 सितंबर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद डेरा सच्चा सौदा परिसर में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था, जिसमें कई दस्तावेजों के अलावा लैपटॉप और 64 हार्ड डिस्क बरामद हुए थे. पुलिस नें एक हार्ड ड्राइव से कुछ डेटा रिकवर कर लिया था. उसमें भी डेरा की संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली थी.
यहां दिलचस्प बात ये है कि पुलिस को जो लैपटॉप मिले हैं, वो दोनों एक महीने से बोरे में बंद थे और पुलिस की कस्टडी में ही पड़े हुए थे. शुक्रवार को जब पुलिस ने अचानक इस बोरे को खोला तो दो लेपटॉप मिले. इसके बाद हैरान पुलिस ने तुरंत उनको मधुबन प्रयोगशाला में भेज दिया. हो सकता है कि इनमें एक लैपटॉप हनीप्रीत को ही हो.
हनीप्रीत सहित दर्जनभर और दूसरे लोगों पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने वाली हरियाणा पुलिस अब सकते में है, क्योंकि उसके पास हनीप्रीत के खिलाफ फिलहाल कोई बड़ा सबूत हाथ नहीं लगा है. जिस मोबाइल फोन में कथित तौर पर भड़काऊ वीडियो क्लिप थे वह खाली है. इसके अलावा बरामद हुए दोनों लैपटॉप में न ही गाइड मैप है ना लिस्ट.