पिछले साल 26 जनवरी पर तिरंगा यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश का कासगंज जल उठा था. पिछली गलती से सबक लेते हुए इस बार यूपी पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात हैं. एहतियात के तौर पर गुरुवार को कासगंज में पुलिस ने फ्लैगमार्च किया.
शहर में किसी अप्रिय स्थिति को रोकन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 26 जनवरी से एक रोज पहले ही कासगंज में पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है. सड़कों पर पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है. शहर के चप्पे-चप्पे पर दंगारोधी पुलिस की टीमें तैनात की गई हैं. पुलिस के आला अफसर इलाके में ही पुलिस जवानों की बैठकें लेकर दिशा-निर्देश दे रहे हैं कि हालात को कैसे संभालना है.
कासगंज में सुरक्षा के ये अभूतपूर्व इंतजाम पिछले साल की घटना को देखते हुए किए गए हैं. पिछले साल तिरंगा यात्रा के दौरान बवाल में चंदन गुप्ता नाम युवक की हत्या कर दी गई थी और कई दिनों तक शहर तनाव की आग में झुलसता रहा.
कासगंज एसपी अशोक कुमार ने बताया कि करीब 85 पॉइंट को चिन्हित कर पुलिस बल की तैनाती की गई है. जिनमें पीएसी की दो कंपनी और एक आरएएफ की कंपनी शामिल है. करीब 250 जवानों का फोर्स बाहर के जनपदों से बुलवाया गया है.
मृतक चंदन यादव के पिता सुशील गुप्ता ने प्रशासन से तिरंगा यात्रा निकालने की इजाजत मांगी थी, लेकिन हालात बिगड़ने के अंदेशे में प्रशासन ने इजाजत देने से इनकार कर दिया. मृतक के परिजनों को पुलिस ग्राउंड में ही तिरंगा फहराने के लिए राजी कर लिया गया है.
कासगंज पुलिस के लिए ये वक्त किसी परिक्षा से कम नहीं है. 26 जनवरी के मौके पर माहौल शांत बनाए रखने पुलिस और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है.
गौरतलब है कि यूपी सरकार ने कासगंज हिंसा मामले में केंद्र को भेजी रिपोर्ट में कानून व्यवस्था को लेकर पैदा हुई स्थिति, मौजूदा स्थिति और कार्रवाई के बारे में बताया था. कासगंज हिंसा मामले में पुलिस ने 8 मुकदमे दर्ज कर 40 आरोपियों की गिरफ्तारी की थी. कुल 121 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
साथ ही पुलिस की कार्रवाई में एक डीबीबीएल बंदूक, दो कारतूस, एक एसबीबीएल देशी, 4 कारतूस और 8 खोखा कारतूस बरामद बरामद हुए थे. इस घटना से संबंधित आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापे भी मारे गए. फरार आरोपियों की संपत्ति की कुर्की करने के आदेश जारी किए गए थे.