त्योहारों के मद्देनजर देश में आतंकी हमले की आशंका जताई गई है. इस सूचना के बाद में देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, त्योहारों के मद्देनजर लश्कर और जैश के आतंकी आईएसआईएस की तर्ज पर बड़े शहरों में 'लोन वुल्फ अटैक' की घटना को अंजाम दे सकते हैं.
आतंकी हमले की आशंका के चलते देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. देश के बड़े शहरों में लश्कर और जैश के आतंकी भीड़-भाड़ वाले इलाकों जैसे रेलवे स्टेशन, मॉल और मेट्रो में आतंकी हमले की घटना को अंजाम दे सकते हैं. खतरे को देखते हुए 80 से ज्यादा संवेदनशील जगहों को चिन्हित किया गया हैं.
क्या है 'लोन वुल्फ अटैक'
आईएस 'लोन वुल्फ अटैक' यानी चाकू और धारदार हथियारों का प्रयोग करके अब तक कईयों को मौत के घाट उतार चुका है. दरअसल आईएस आकाओं ने भारत में आईएस संदिग्धों को चाकू और धारदार हथियारों के जरिए हत्याएं करने का निर्देश दिया है. वहीं हाल ही में तमिलनाडु और कर्नाटक में पकड़े गए आईएस संदिग्धों के पास से भी एनआईए ने धारदार हथियार बरामद किए थे.
75 प्रतिशत NSG कमांडो देश भर में तैनात
एनएसजी कमांडो को भी संवेदनशील जगहों पर अलर्ट पर रखा गया हैं. संवेदनशील इलाकों के डिजिटल नक्शे एनएसजी कमांडो के पास मौजूद हैं. सुरक्षा के एहतियातन क्विक रिस्पॉंस टीम भी संबंधित इलाकों में तैनात कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, 75 प्रतिशत एनएसजी कमांडो को देश के अलग-अलग शहरों में महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात किया गया है.
NSG के स्थापना दिवस कार्यक्रम पर भी असर
बता दें कि आतंकी हमले की आशंका के चलते 16 नवंबर को होने वाले एनएसजी के स्थापना दिवस के लिए इस बार कमांडो ड्रिल और एंटी हाईजैकिंग ऑपरेशन का डेमो भी नहीं किया गया. स्थापना दिवस के लिए इस बार एनएसजी ने अपने कार्यक्रम में हेड क्वार्टर में मौजूद जवानों के लिए लेक्चर का कार्यक्रम भी रखा था.