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दिल्ली सरकार को हाई कोर्ट ने दिया निर्देश- सभी जेलों में हो लॉ ऑफिसर

दिल्ली हाईकोर्ट में इस काम को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार को 12 हफ्ते का वक्त दिया है यानी दिल्ली सरकार के पास कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए दिल्ली की हर जेल में कानून अधिकारी की नियुक्ति करने के लिए 3 महीने का वक्त है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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  • दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिया नियुक्ति के लिए 12 हफ्ते का समय
  • जेल अधिनियम, 2000 की धारा 6 का पालन के लिए कानून अधिकारी की नियुक्ति

दिल्ली की जेलों में बंद हजारों कैदियों के लिए अच्छी खबर है. दिल्ली की हर जेल में  कैदियों की समस्याओं को सुनने के लिए अब कानून अधिकारी (लॉ ऑफिसर) होगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि दिल्ली सरकार को दिल्ली की हर जेल में कानून अधिकारी की नियुक्ति करें.

दिल्ली हाईकोर्ट में इस काम को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार को 12 हफ्ते का वक्त दिया है यानी दिल्ली सरकार के पास कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए दिल्ली की हर जेल में कानून अधिकारी की नियुक्ति करने के लिए 3 महीने का वक्त है.

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संवैधानिक हितों की रक्षा करने के लिए कानून

कोर्ट में यह याचिका वकील अमित साहनी ने दायर की थी जिसमें बताया गया था कि 2016 से 2019 के बीच में कैदियों के संवैधानिक हितों की रक्षा करने के लिए कोई भी कानून अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया था. दायर याचिका में दिल्ली सरकार समेत डीजी तिहाड़ को निर्देश देने की मांग की गई थी कि दिल्ली जेल अधिनियम, 2000 की धारा 6 का पालन करने के लिए हर जेल के लिए एक कानून अधिकारी की नियुक्त सुनिश्चित की जाए.

अक्सर जेलों में कैदियों को प्रताड़ित करने संबंधी खबरें आती रही हैं. अभी हाल में ही तिहाड़ जेल में एक कैदी को प्रताड़ित करने का मामला भी सामने आया था. तिहाड़ जेल में बंद एक कैदी ने कड़कड़डूमा कोर्ट में जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उसे जेल में यातनाएं दी जाती हैं. उसकी पीठ पर गर्म मेटल से ओम का निशाना बनाया गया है और उसे दो दिनों तक भूखा रखा गया.

क्या कहता है प्रीजन एक्ट का सेक्शन 6

पूरी दिल्ली की सभी जेलों के लिए अब तक सिर्फ एक कानून अधिकारी ही था. और व्यवहारिक रूप से सभी कैदियों के लिए यह पूरी तरह अपर्याप्त था. दिल्ली प्रिजन एक्ट के सेक्शन 6 के मुताबिक भी दिल्ली की हर जेल में कैदियों के लिए कानून अधिकारी होना जरूरी है.

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हर जेल में एक सुपरिटेंडेंट, डिप्टी सुपरिटेंडेंट, एक मेडिकल ऑफिसर, लॉ ऑफिसर, कैदी कल्याण ऑफिसर और इसी तरह के और ऑफिसर्स की नियुक्ति को सरकार ने जरूरी बताया है. दिल्ली में फिलहाल 16 जेल है. इसमें तिहाड़ की नौ जेल के साथ साथ रोहिणी और मंडोली की जेल भी शामिल है. दिल्ली हाई कोर्ट के आज के आदेश के बाद दिल्ली सरकार को अब 16 कानून अधिकारी पूरी दिल्ली के लिए नियुक्त करने होंगे.

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