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भोपाल गैंगरेप केस: हाईकोर्ट ने MP सरकार से 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 31 अक्तूबर को भोपाल गैंगरेप और उसके बाद पीड़िता की व्यथा पर कड़ा रूख अपनाते हुए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई पर सरकार से 15 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है. मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी.

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मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने लगाई सरकार को फटकार
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने लगाई सरकार को फटकार

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मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 31 अक्तूबर को भोपाल गैंगरेप और उसके बाद पीड़िता की व्यथा पर कड़ा रूख अपनाते हुए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई पर सरकार से 15 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है. मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी.

इस दौरान भोपाल गैंगरेप के बाद पीड़िता के साथ घटे घटनाक्रम को ट्रेजडी आफ एरर्स करार देते हुए भोपाल के सत्र न्यायाधीश को इस मामले की चार्जशीट दाखिल होने के बाद प्रतिदिन सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं. सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने बताया कि इस मामले की जांच 15 दिन में पूरी कर ली जाएगी.

इसके शीघ्र बाद चार्जशीट अदालत में दायर कर दी जायेगी. युगलपीठ ने महाधिवक्ता से पीड़िता की प्राथमिकी दर्ज करने में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के बारे में 15 दिन के अंदर स्थिति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं. न्यायाधीशों ने कहा, यह रिपोर्ट दो सप्ताह में दाखिल की जाए.

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महाधिवक्ता ने अदालत में बताया कि पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट सतही तौर पर बनाने और इसमें गलती करने के मामले में स्थिति रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की जायेगी. उन्होंने अदालत को भरोसा दिया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. सरकार इस मामले में बहुत गंभीर है. लापरवाही बरतने के आरोप में 5 पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया है.

इसके अलावा पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट सतही तौर पर बनाने और इसमें गलती करने के आरोप में भी दो महिला डॉक्टरों को निलंबित किया गया है. इस मामले में उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई 27 नवंबर को तय की है. मुख्य न्यायाधीश हेमन्त गुप्ता ने तीन दिन पहले प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य को नोटिस जारी किया था.

इस मामले में सोमवार को सुनवाई तय की गई थी. यूपीएससी की तैयारी कर रही 19 वर्षीय छात्रा के साथ 31 अक्तूबर को कोचिंग क्लास से वापस लौटने के दौरान भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन के समीप चार बदमाशों ने गैंगरेप किया था. इसके बाद पीड़िता को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थानों के बीच लगभग 24 घंटों तक भटकना पड़ा था.

यह सब तब हुआ जब पीड़िता के माता-पिता भी पुलिस विभाग में ही तैनात हैं. यह मामला तूल पकड़ने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने लापरवाही बरतने के आरोप में पांच पुलिस अधिकारियों निलंबित कर दिया और एक अधिकारी का तबादला कर दिया. इसके अलावा पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में गलती करने के आरोप में दो डॉक्टरों को भी निलंबित किया गया.

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