मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS अफसर हिमांशु रॉय ने खुदकुशी कर ली है. जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली. अपने सरकारी आवास पर आज दोपहर करीब 1.40 बजे उन्होंने खुद को गोली मार ली. वह 54 वर्ष के थे.
घायल हिमांशु रॉय को लेकर परिजन फौरन बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचे. लेकिन अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जानकारी के मुताबिक, हिमांशु रॉय ने मुंह में रखकर गोली मारी थी, जिसके चलते उन्हें बचाना बेहद मुश्किल हो गया था.
Forensic team arrives at Former Maharashtra ATS Chief Himanshu Roy’s residence. Roy committed suicide by shooting himself at his residence in Mumbai earlier today pic.twitter.com/Jmq9XtyobE
— ANI (@ANI) May 11, 2018
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि वह हिमांशु रॉय के निधन की खबर सुनकर चौंक गईं और बेहद दुखी हैं. उन्होंने कहा कि हिमांशु का जाना दुर्भाग्यपूर्ण और देश के लिए बड़ी क्षति है. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मुंबई को जैसी सुरक्षा प्रदान की, उसके लिए मुंबई हमेशा उनका आभारी रहेगा.
साथ ही प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्य की भाजपा सरकार पर हिमांशु के साथ अच्छा व्यवहार न करने आरोप लगाया और कहा कि गृह मंत्रालय ने उनका अनुरोध ठुकरा दिया था. आखिर अपनी सर्विस के आखिरी समय में उनके साथ इस तरह की बेरुखी क्यों बरती गई.
इस बीच फॉरेंसिक टीम मालाबार हिल स्थित हिमांशु रॉय के घर पहुंच गई है. फॉरेंसिक टीम यहां हिमांशु रॉय के फिंगर प्रिंट के साथ-साथ कुछ और साक्ष्य भी इकट्ठा करेगी.
ट्रांसफर में पक्षपात को लेकर गृह मंत्रालय को लिखी थी चिट्ठी
2015 में हिमांशु रॉय सहित कई ऑफिसर्स ने महाराष्ट्र गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर ट्रांसफर में पक्षपात और सीनियर ऑफसरों द्वारा खराब व्यवहार किए जाने की शिकायत की थी, जिसके बाद हिमांशु रॉय सहित शिकायत करने वाले अधिकारियों को दरकिनार कर दिया गया था.
हिमांशु रॉय को भी ATS चीफ पद से हटाकर कम महत्व वाले पुलिस हाउसिंग का ADG बना दिया गया.
मिली थी z+ सुरक्षा
हिमांशु रॉय देश के उन कुछ चुनिंदा अफसरों में थे, जिन्हें z+ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी. हिमांशु को यह सुरक्षा मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस और इंडियन मुजाहिदीन के चीफ यासीन भटकल और दाऊद इब्राहिम की संपत्तियों को जब्त करने के चलते मिली हुई. आतंकवाद से जुड़े इन मामलो की जांच के दौरान हिमांशु की जान को खतरा माना गया था.
कौन थे हिमांशु रॉय
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु रॉय का नाम 2013 में स्पॉट फिक्सिंग मामले में विंदु दारा सिंह की गिरफ्तारी, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर के ड्राइवर आरिफ के एनकाउंटर, पत्रकार जेडे हत्या प्रकरण, विजय पालांडे-लैला खान डबल मर्डर केस जैसे अहम मामलों से जुड़ा रहा.
अंडरवर्ल्ड कवर करने वाले पत्रकार जे डे की हत्या की गुत्थी सुलझाने में हिमांशु रॉय ने अहम भूमिका निभाई थी.
हिमांशु रॉय कैंसर से पीड़ित थे
जानकारी के मुताबिक, पूर्व ATS प्रमुख हिमांशु रॉय कैंसर से पीड़ित थे. बताया जा रहा है कि अप्रैल 2016 से उन्होंने मेडिकल लीव ले रखी थी. ATS प्रमुख रहते हुए हिमांशु रॉय ने पहली बार साइबर क्राइम सेल स्थापित किया था.
इन अहम पदों पर रहे सुपरकॉप हिमांशु रॉय
- अंडरवर्ल्ड में खौफ का पर्याय रहे हिमांशु रॉय मौत के वक्त महाराष्ट्र के ADGP (हाउसिंग) पद पर नियुक्त थे.
- इससे पहले वह महाराष्ट्र के ADGP (प्लानिंग एंड कोऑपरेशन) रहे.
- इससे पहले वह महाराष्ट्र के ATS चीफ रहे.
- 2009 में हिमांशु रॉय को मुंबई का ज्वाइंट कमिश्नर बनाया गया.