पंचकूला हिंसा और आपराधिक साजिश रचने की मुख्य आरोपी और राम रहीम की खास राजदार हनीप्रीत इंसान को पंचकूला कोर्ट में पेश किया गया. उसको आज 28 अगस्त को दर्ज किए गए देशद्रोह और आपराधिक षड्यंत्र रचने के मामले में चार्जशीट की कॉपी दी गई. इस चार्जशीट को पुलिस ने पिछले हफ्ते कोर्ट में पेश किया था.
हनीप्रीत इंसान ने कोर्ट रूम में प्रवेश करते ही सबसे पहले अपने भाई और तीन अन्य रिश्तेदारों को गले लगाया. उस वक्त उसके चेहरे पर चिंता के भाव के बजाए मुस्कान तैर रही थी. अगले 10 मिनट के दौरान हनीप्रीत को चार्जशीट दे दी गई. वह अपने चेहरे को दुपट्टे से ढककर कोर्ट से बाहर निकल गई. अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी.
हनीप्रीत इंसान को आज कड़ी सुरक्षा के बीच अंबाला की सेंट्रल जेल से पंचकूला कोर्ट परिसर में लाया गया. उसके साथ 15 आरोपियों को भी कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस ने 1200 पेज की चार्जशीट में हनीप्रीत, चर्चा घर के इंचार्ज चमकौर सिंह और राम रहीम के निजी सचिव राकेश कुमार सहित अन्य दूसरे लोगों पर आरोप लगाए हैं.
इसमें कहा गया है कि आरोपियों ने राम रहीम को छुड़वाने की साजिश रची और हिंसा किया. इसमें 37 लोगों की मौत और 200 घायल हो गए. इस मामले में सुरेंद्र धीमान, गुरमीत, शरणजीत कौर, दिलावर सिंह, गोंविद, प्रदीप कुमार, गुरमीत कुमार, दान सिंह, सुखदीप कौर, सीपी अरोड़ा, खरैती लाल के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई है.
पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया है कि हनीप्रीत ने पूछताछ के दौरान उस पर लगे सभी आरोपों को कबूल कर लिया है. इसके अलावा पुलिस को हनीप्रीत से मोबाइल, लैपटॉप, डायरी और कई अहम दस्तावेज मिले हैं. उधर राम रहीम के वकीलों ने जब उसे हनीप्रीत की चार्जशीट वाली बात बताई, तो वह जेल के अंदर ही परेशान हो गया है.
सूत्रों के मुताबिक हनीप्रीत के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में कुल 67 गवाह हैं, जिनमें से ज़्यादातर पुलिस के लोग हैं. उसके और दूसरे आरोपियों के खिलाफ पंचकुला के सेक्टर 5 पुलिस थाने में 27 और 28 अगस्त को IPC की धाराओं 121, 121ए, 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
बताते चलें कि पंचकूला हिंसा का ब्लूप्रिंट 18 अगस्त को सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में बुलाई गई एक एहम बैठक में तैयार किया गया था. इस बैठक को हनीप्रीत ने ही बुलाया था, जो डेरे में नंबर दो की हैसियत रखती थी. इस बैठक में मौजूद रही डेरा की चेरपर्सन विपश्यना इंसा को छोड़कर सभी आरोपियों पर देशद्रोह का आरोप है.