उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में ऑनर किलिंग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां पर युवती के परिजनों ने एक युवक की दबाकर हत्या कर दी और उसके बाद उसकी लाश को अपनी राइस मिल में ले जाकर जमीन में गाड़ दिया.
मुजफ्फरनगर जिले के कवाल गांव में इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने शक के आधार पर युवती के परिजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पुलिस ने युवती के परिजनों की निशानदेही पर बीती रात युवक के शव को एक राइस मिल से बरामद कर लिया.
घटना के बाद पांच थानों की पुलिस फोर्स और पीएससी को गांव में तैनात कर दिया गया है. एसएसपी ने लापरवाही के चलते जानसठ कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को निलंबित कर दिया है. यह मामला मुजफ्फरनगर के उसी कवाल गांव का है, जहां तीन युवकों की हत्या के बाद पूरे जनपद में दंगे हुए थे.
गांव में एक अल्पसंख्यक समुदाय के एक 16 वर्षीय युवक इरशाद को दूसरे समुदाय के लोगों ने गला दबाकर मार डाला. युवक को आरोपियों ने अपनी बहन के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था. गुस्साए परिजनों ने पहले युवक की गला दबाकर हत्या की और उसके बाद उसकी लाश को रात के समय अपनी राइस मिल में ले जाकर जमीन में गाड़ दिया.
मृतक युवक इरशाद 18 जुलाई की रात से लापता था. परिजनों ने उसकी गुमशुदगी 19 जुलाई को थाने में दर्ज कराई थी. पुलिस लगातार गुमशुदा युवक को तलाश कर रही थी. बीती देर रात पुलिस ने शक के आधार पर युवती के भाई पवन और मनोज को हिरासत में लेकर पूछताछ की. जिसके बाद दोनों आरोपियों ने सारा सच उगल दिया.
पुलिस ने आरोपीयो की निशानदेही पर देर रात राईस मील से इरशाद के शव को गढ्ढ़े से निकाल कर बरामद किया. घटना संवेदनशील गांव में हुई तो पांच थानों की पुलिस और पीएसी वहां तैनात कर दी गई. जानसठ थाने के प्रभारी ए.के. गौतम को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया.
लड़की के दो भाइयों पवन और मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी परिवार के सदस्यों को सुरक्षा की दृष्टि से गांव से बाहर सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया है. ताकि उनके साथ कोई अप्रिय घटना ना हो सके.
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि कवाल में इरशाद नामक 16 या 17 वर्षीय युवक की हत्या 18 जुलाई को कर दी गई थी. 19 तारीख को युवक घरवालों ने थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी. युवक कॉल डीटेल से युवती के बारे में पता चला. उसके बाद जिन लोगों पर संदेह था उन्हे पुलिस ने हिरासत में लिया और पूछताछ की. हत्यारोपी पवन और मनोज थे. ये मृतक युवक के पडोसी हैं.
पूछताछ में पवन और मनोज ने बताया कि उनकी एक बहन के साथ इरशाद की दोस्ती थी. इरशाद ने अपने नाम से दो सिम ख़रीदे थे. एक लड़की को दे रखा था. उसी से वह लड़की से बात करता था. जब परिजनों को इस बात पता चला तो उन्होंने लड़के को बात करने के लिए मना किया.
मगर 18 तारीख की रात को लड़की ने इरशाद को फोन कर मिलने के लिए बुलाया. इरशाद वहां चला गया. इसी दौरान युवती के भाईयों ने उसे देख लिया. इसके बाद पवन और मनोज ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. हत्या के बाद दोनों उसकी लाश गांव के पास ही अपनी राइस मील में गाड़ दी.
एसएसपी के मतुबाकि संवेदनशील गांव को देखते हुई पुलिस ने पांच टीम बनाई थी. 12 घंटे के अंदर पुलिस ने इस केस को वर्क आउट किया है. मामला दर्ज होने के बाद थाना प्रभारी को इस संबंध में बड़े अधिकारियो को बताना चाहिए था. लेकिन उसने लापरवाही की. जिसके चलते उसे निलंबित कर दिया गया है.