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पाकिस्तान के बाद अफगानिस्तान में भी आत्मघाती हमला, सात लोगों की मौत

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रूसी दूतावास के पास बुधवार को एक आत्मघाती हमलावर ने एक मिनी बस को निशाना बनाकर धमाका किया, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई.

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रूसी दूतावास के सामने आत्मघाती हमला
रूसी दूतावास के सामने आत्मघाती हमला

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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रूसी दूतावास के पास बुधवार को एक आत्मघाती हमलावर ने एक मिनी बस को निशाना बनाकर धमाका किया, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई. इस शक्तिशाली विस्फोट की वजह से 24 लोग घायल हो गए. किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.

अफगानी गृह मंत्रालय ने कहा कि इस हमले में सात लोग मारे गए और 24 घायल हो गए हैं. जिस सड़क पर धमाका हुआ वह दारूल अमन महल की ओर जाती है. यह महल अब क्षतिग्रस्त है. इसका निर्माण अफगान शाह अमनानुल्ला खान ने कराया था. विस्फोट से आसपास के इलाकों में धुआं फैल गया.

बम धमाके के तुरंत बाद एंबुलेंस और अग्निशमन दल के वाहनों को तत्काल मौके पर रवाना किया गया. यह हमला तालिबान शांति वार्ता को बहाल करने के मकसद से हुई दूसरे दौर की अंतरराष्ट्रीय बातचीत के दो दिनों बाद हुआ है. इसमें कई देशों के प्रतिनिधियों ने शिरकत किया था.

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बताते चलें कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने सोमवार को काबुल में एक दिन की बैठक की थी. इसका मकसद बातचीत के जरिए 14 साल के तालिबान चरमपंथ का अंत करना है. पहले दौर की बातचीत पिछले सप्ताह इस्लामाबाद में हुई थी. बातचीत में तालिबान गैर हाजिर रहा.

अफगानी संसद पर भी हुआ था आतंकी हमला
पिछले साल जून में अफगानी संसद पर भी बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इसमें आतंकियों ने संसद के निचले सदन को उड़ा दिया था. उस समय एक के बाद एक करके करीब नौ से ज्यादा धामके हुए थे. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन तालिबान ने ली थी.

इटली दूतावास पर हुआ था रॉकेट से हमला
अफगानिस्तान में आतंकी विदेशी दूतावासों के उपर लगातार हमले कर रहे हैं. पिछले दिनों इटली के दूतावास पर भी रॉकेट से हमला किया गया था. उससे पहले पठानकोट हमले के तुरंत बाद मजार-ए-शरीफ स्थित भारतीय दूतावास पर हमला हुआ. इसमें दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया.

भारतीय दूतावास हमले में पाक सेना का हाथ!
भारतीय दूतावास पर हुए हमले के संबंध में अफगान पुलिस ने खुलासा किया था कि इसमें पाकिस्तानी सेना का हाथ है. एक सीनियर पुलिस अफसर ने बताया था कि मजार-ए-शरीफ में हुए हमले में पाकिस्तानी सेना के जवान शामिल थे. उस समय सुरक्षाबलों के साथ करीब 25 घंटे मुठभेड़ चली थी.

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