राजस्थान के राजसमंद में लव जिहाद के नाम पर क्रूर तरीके से हत्या कर वीडियो बनाने के मामले में अब मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने इस मामले पर कहा, आज पशु सोच रहे होंगे कि वो भाग्यशाली हैं कि वो मानव नहीं है. राज्य मानवाधिकार आयोग ने राजसमंद की घटना पर बेहद अफसोस जताते हुए इस बारे में पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट राजसमंद के पुलिस अधीक्षक और राज्य सरकार से मांगी है.
मानवाधिकार आयोग 19 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई करेगा. राजस्थान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने स्वप्रेरणा से संज्ञान लेते हुए यह पत्र राज्य सरकार और राजसमंद पुलिस को भेजा है. मानव अधिकार आयोग ने लिखा है कि जिस तरह से हत्याकांड को अंजाम दिया गया और उसका पूरा वीडियो बनाया गया वो मानव जगत को आहत करता है. लोग कहते थे कि इंसान नहीं पशु है, लेकिन जिस तरह की घटना हुई उससे पशु सोच रहे होंगे कि वो भाग्यशाली हैं जो मानव नहीं है.
राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि आखिर क्यों इस तरह के वीडियो बनाए गए और वीडियो बनाकर हर जगह इसे प्रसारित किया गया. मानवाधिकार आयोग के पत्र के अनुसार इस वीडियो को देखने के बाद से लोग पूरी तरह से विचलित हो रहे हैं. मानवाधिकार आयोग ने लिखा है, किसी ने कहा है कि मानव रचयिता की सर्वश्रेष्ठ कृति है, इस घटना के बाद इस कथन का औचित्य समाप्त हो चुका है.
इस मामले में बर्बरतापूर्ण तरीके से एक व्यक्ति की हत्या की जाती है और वह जीवन की भीख मांग रहा है. एक व्यक्ति हत्या करता है और दूसरा वीडियो बनाता है. यानी दोनों दोनों ही व्यक्तियों को जरा भी दया नहीं आती है. निश्चित रुप से मानवता के लिए क्रूरतम मामला है, जो क्रूरता की सभी सीमाओं को पार कर चुका है. ऐसे में 19 दिसंबर को राज्य मानवाधिकार आयोग इस मामले में सुनवाई करते हुए यह तय करेगा कि आखिर एक इंसान इतना हैवान क्यों बना और उसके पीछे की कहानी क्या है.
बताते चलें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है. इसमें आरोपी शंभू दयाल मृतक भुट्टा शेख को पहले जमकर मारता पीटता है. इसके बाद उसे धारदार हथियार से काट देता है. उसका इतने से भी मन नहीं भरता, तो अपनी स्कूटी से पेट्रोल निकालकर उस पर छिड़कता है. फिर उसे आग के हवाले कर देता है. इस वारदात से इलाके में सनसनी है.