छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एक पति ने अपनी बीवी को सर्द रात में महज इसलिए घर से निकाल दिया कि उसने दूसरी बार भी बेटी को जन्म दिया है. महिला अपनी दोनों बेटियों के साथ सड़क पर रहने को मजबूर हो गई. उस महिला ने अपनी नवजात बेटी को सर्दी से बचाने के लिए एक थैले में छिपाकर रखा था.
घटना बलौदाबाजार से आठ किमी दूर ग्राम भडुवाडीह की है. वहां रहने वाले चांदराम की शादी पांच साल पहले रागिनी के साथ हुई थी. चांदराम शराब पीकर आए दिन रागिनी से मारपीट करता था. उसका वहशीपन पहले बच्चे के तौर पर बेटी सीमा के पैदा होने के बाद से और बढ़ गया था. दरअसल, चांदराम को बेटे की चाहत थी.
अभी 10 दिन पहले रागिनी ने दूसरी बेटी को जन्म दिया. इसके बाद चांदराम आपा खो बैठा. उसने सर्द रात में पत्नी रागिनी और दोनों मासूम बेटियों को घर से निकाल दिया. पत्नी हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाती रही, लेकिन चांदराम ने उसकी एक नहीं सुनी. पीड़ित महिला रातभर घर से बाहर ठंड में ठिठुरती रही.
सुबह वह अपनी डेढ़ वर्षीय बेटी सीमा और 10 दिन की दुधमुही रानी को लेकर बस स्टैंड पर जा पहुंची. वह कहीं जाने की सोच ही रही थी कि स्थानीय पार्षद लालू तंवर की नजर उस पर पड़ी. वो उसकी मदद के लिए आगे आए. उन्होंने पूरे मामले की जानकारी पुलिस थाने को दी.
मामला जानकर पुलिस ने चांदराम को तलब कर लिया. उसे थाने बुलाकर जमकर डांट पिलाई गई. जब उसने वादा किया कि वह अब कभी अपनी पत्नी और बच्चियों को प्रताड़ित नहीं करेगा. उसके बाद रागिनी और दोनों बेटियों को लेकर वह वापस अपने घर लौट गया.