हैदराबाद में मंगलवार को एक कोर्ट ने आतंकवाद के आरोपी सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को 1998 हैदराबाद षड्यंत्र मामले में बरी कर दिया. मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने टुंडा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
बचाव पक्ष के वकील के. सैफुल्ला ने बताया कि कोर्ट ने उनके क्लाइंट को सभी आरोपों से बरी कर दिया.
पिछले महीने नहीं आ सका था फैसला
इससे पहले 18 फरवरी को अदालत ने वांछित आतंकी सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा से संबंधित एक मामले में फैसला 3 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया था. न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण नामपल्ली क्रिमिनल कोर्ट ने मामले को अगले महीने के लिए टाल दिया.
पहले इस मामले में फैसला 4 फरवरी को सुनाया जाना था, लेकिन इसे 18 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
बम बनाने में विशेषज्ञ है टुंडा
लश्कर-ए-तैयबा का संदिग्ध सदस्य और बम बनाने में विशेषज्ञ टुंडा 1998 सलीम जुनैद मॉड्यूल मामले में आरोपी है, जिसपर हैदराबाद सेंट्रल क्राइम स्टेशन की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने मामला चलाया था.
टुंडा (77) को केंद्रीय एजेंसियों ने 2013 में भारत-नेपाल सीमा पर गिरफ्तार किया था. फिलहाल गाजियाबाद जेल में बंद टुंडा पर देश के विभिन्न स्थानों पर आतंकवाद के मामले चल रहे हैं.
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टुंडा ने कथित रूप से युवाओं को भारत में आतंकवादी गतिविधियां करने के लिए प्रशिक्षण दिया था. एक पाकिस्तानी नागरिक जुनैद के साथ उसने कथित रूप से 1998 में गणेश उत्सव के दौरान आतंकवादी हमला करने की योजना बनाई थी.
(इनपुट- IANS)