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IAS डेथ मिस्ट्री: 72 घंटे में जांच रिपोर्ट देगी SIT, विसरा सुरक्षित

कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में लखनऊ पुलिस ने पांच पुलिस अधिकारियों की एसआईटी का गठन कर दिया है. इस टीम को 72 घंटे में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. वहीं, कर्नाटक सरकार ने इस मामले में अपने दो वरिष्ठ अधिकारियों को लखनऊ भेजा है.

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आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध मौत
आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध मौत

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कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में लखनऊ पुलिस ने पांच पुलिस अधिकारियों की एसआईटी का गठन कर दिया है. इस टीम को 72 घंटे में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. वहीं, कर्नाटक सरकार ने इस मामले में अपने दो वरिष्ठ अधिकारियों को लखनऊ भेजा है.

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि हजरतगंज पुलिस स्टेशन के सर्किल आफिसर के नेतृत्व में पांच अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम का गठन कर दिया गया है. इस टीम को कहा गया है कि वह घटना के हर पहलू की गहन जांच करें और अपनी रिपोर्ट 72 घंटे में उन्हें सौंपे. एसआईटी ने अपनी जांच तेजी से शुरू कर दी है.

इस बीच, कर्नाटक सरकार ने दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिराम जी शंकर और पंकज पांडेय को आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की मौत के प्रकरण की जांच के लिए यूपी भेजा है. बताया गया कि दोनों वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने लखनऊ में मंडलायुक्त से मुलाकात की है. उसके बाद वे अनुराग के गृहनगर बहराइच चले गए.

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, बिसरा सुरक्षित
एसएसपी ने कहा कि मृतक आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, इसलिये विसरा सुरक्षित रख लिया गया है. उसकी जांच कराई जायेगी. बुधवार देर रात चार डाक्टरों के पैनल ने अनुराग तिवारी का पोस्टमार्टम किया था. लेकिन रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं हो पाई है.

फोरेंसिक लैब भेजा गया विसरा और खून
पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों की टीम ने मौत की वजह दम घुटना बताया है. विसरा और खून के नमूने चिकित्सकीय विश्लेषण के लिए सुरक्षित रख लिए गए हैं. हर्ट को भी आगे जांच के लिए सुरक्षित कर लिया गया है. सभी नमूने विशेष जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजे गये हैं, ताकि मौत की असल वजह का पता चल सके.

परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
उन्होंने कहा कि आईएएस अनुराग तिवारी के परिजनों ने इस मामले में किसी के खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई है. यदि परिजन कोई तहरीर देते है, तो रिपोर्ट दर्ज कर ली जाएगी. हालांकि, अनुराग के पिता और भाभी ने उनकी मौत पर संदेह जताते हुए कहा था कि उनकी हत्या की गई है. पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए.

घोटाले का करने वाले थे पर्दाफाश
उत्तर प्रदेश के बहराइच के रहने वाले अनुराग तिवारी की मौत का मुद्दा विधानसभा में भी उठा. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में कहा कि दिवंगत अधिकारी कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के करोड़ों रुपये के घोटाले का पर्दाफाश करने वाले थे. बताया जा रहा है कि उन्होंने 200 करोड़ के घोटाले का खुलासा किया था.

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संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत
बताते चलें कि कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी लखनऊ के हजरतगंज स्थित मीराबाई गेस्ट हाउस के पास संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. किसी ने डायल 100 सेवा पर फोन करके जानकारी दी कि संदिग्ध परिस्थितियों में मृत एक व्यक्ति मीराबाई गेस्ट हाउस के पास सड़क किनारे पड़ा है. इस मामले की जांच जारी है.

 

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