कालेधन के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आयकर विभाग ने दिल्ली में सैकड़ों फर्ज़ी कम्पनियों की पहचान की है. नोटबंदी के बाद से अब तक केवल दिल्ली में ही 1197 नई कम्पनियां रजिस्टर की गई हैं. जिनमें से करीब 470 कम्पनियों के फर्ज़ी होने का शक है.
बीती आठ नवंबर को जैसे ही नोटबंदी का ऐलान किया गया, तो कई लोग सदमे में आ गए. जिन लोगों ने बड़ी रकम जमा कर रखी थी, उसे ठिकाने लगाने के नए तरीके निकाले गए. उसी में सबसे आसान तरीका था नई कंपनियों का गठन और ऐसा हुआ भी. आयकर विभाग की जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के बाद अकेले दिल्ली में 1197 नई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कराया गया.
वक्त बीतने के साथ-साथ आयकर विभाग और ईडी समेत कई एजेंसियों ने कालेधन के खिलाफ अभियान शुरू किया. जांच पड़ताल के दायरा कंपनियों तक जा पहुंचा. आयकर विभाग को जांच के दौरान पता चला कि फर्जी तरीके से सैंकड़ों कंपनियां बनाई गई हैं. जिनमें से कई कंपनियों को फर्ज़ी पतों पर रजिस्टर कराया गया है.
आयकर विभाग के रिकार्ड के मुताबिक सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि ज़्यादातर कंपनियों में निदेशक ऐसे लोगों को बनाया गया है, जो छोटे मोटे काम करते हैं. इनमें से कई मजदूर भी हैं तो कई दफ्तर के चपरासी भी.
आयकर विभाग को शक है कि इन कंपनियों के ज़रिये कालाधन सफ़ेद किया गया है. इन कंपनियों के बैंक खाते ज्यादातर प्राइवेट बैंकों में खोले गए. जिनमें एक्सिस बैंक, कोटक बैंक और आईसीआईसीआई जैसे बैंक शामिल हैं.
आयकर विभाग ने नोएडा और दिल्ली में एक्सिस बैंक की कई शाखाओं में सर्वे के दौरान पाया कि वहां बड़ी तादाद में फर्जी खाते खोले गए हैं. जिनके माध्यम से करोड़ों रुपये का खेल किया गया है. ऐसे सभी खाते अब जांच के दायरे में हैं.
आयकर विभाग अब ऐसे मामलों की जांच के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की मदद कर रहा है. इसके अलावा आरबीआई ने भी ऐसे बैंकों को नोटिस भेजने का मन बना लिया है, जिनके यहां सबसे ज्यादा फर्जी खाते खोले गए या फर्जी कंपनियों के चालू खाते खोले गए.
जांच का दायरा हर दिन बढ़ता जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय एक्सिस बैंक के मामले में जांच शुरू करने की तैयारी में दिख रहा है. इसकी शुरूआत बैंक की शाखाओं में सर्वे से की गई है.